द केरला स्टोरी फिल्म पर विवाद और बवाल बढ़ते जा रहे हैं। जहां एक ओर कुछ राज्य इस फिल्म को प्रमोट करने पर लगे हैं। वहीं कुछ राज्य इस पर बैन लगाने की ठाने बैठे हैं। हालिया मामला फिल्म के डिस्क्लेमर को लेकर है। जिसमें सुप्रीम कोर्ट का बड़ा डिसीजन आया है। कोर्ट ने कहा है कि 32000 महिलाओं के धर्म में परिवर्तन पर डिस्क्लेमर लगना चाहिए।
क्या कहा कोर्ट ने?
कोर्ट ने कहा इस फिल्म में 32000 महिलाओं के इस्लाम कुबूल करने वाले आरोपों पर डिस्क्लेमर लगाया जाए और प्रोड्यूसर यह काम 20 मई को शाम 5:00 बजे से पहले कर दे। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा। आप जनता की असहिष्णुता को अहमियत देकर अगर कानून का ऐसे इस्तेमाल करेंगे तो हर फिल्म का यही हाल होगा। राज्य का यह कर्तव्य और दायित्व होता है कि वह लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखें।
वही फिल्म प्रोड्यूसर की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने भी माना है कि 32000 महिलाओं के इस्लाम कबूल करने को सही ठहराने का कोई भी डाटा उपलब्ध नहीं है। इसलिए इसे डिस्क्लेमर में दिया जाना चाहिए।
इस विवादास्पद फिल्म को वेस्ट बंगाल के साथ-साथ तमिलनाडु में भी बैन किया गया था। इतना ही नहीं, केरल के सीएम ने भी इस पर आपत्ति जताई थी। वहीं कोलकाता और मद्रास हाई कोर्ट ने इस मामले में दखल देने से इनकार कर दिया। सर्वोच्च न्यायालय अब इन दोनों उच्च न्यायालय के फैसलों पर गर्मियों की छुट्टियों के बाद 18 जुलाई को सुनवाई करेगा।
अहम बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल में फिल्म द केरल स्टोरी पर बैन के फैसले पर रोक लगा दी है। साथ ही कोर्ट ने बंगाल सरकार से कहा है कि फिल्म देखने वालों की सुरक्षा को भी सुनिश्चित किया जाए। इस फिल्म पर सुनवाई देने से पहले न्यायाधीशों ने इस फिल्म को देखने की भी इच्छा जाहिर की। साथ ही अदालत ने फिल्म निर्माता को भी हिदायत देते हुए 20 मई शाम 5:00 बजे तक का समय दिया है। इस बीच वह इस्लाम कबूल करने वाले आरोपों पर डिस्क्लेमर लगाएंगे।
किस-किस ने विरोध किया?
इस फिल्म का मुस्लिम संगठनों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, कांग्रेस के कई नेताओं वेस्ट बंगाल, तमिलनाडु और केरल ने विरोध किया था। अलग-अलग समुदाय की लड़कियों के इस्लाम में कन्वर्जन और उन्हें आईएसआईएस में शामिल करने पर बनाई गई यह फिल्म दिन प्रतिदिन कमाई के नए रिकॉर्ड स्थापित करती जा रही है। कांग्रेस नेता शशि थरूर, अधीर रंजन वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, ओवैसी जैसे दिग्गज नेता इस फिल्म का विरोध कर चुके हैं। इस फिल्म का बिजनेस 100 करोड़ क्लब में शामिल हो गया है।
डायलॉग पर बवाल
इस फिल्म में एक डायलॉग सुनकर जज भी चौक गए और उन्होंने इस फिल्म को देखने की इच्छा जाहिर की। जब कपिल सिब्बल ने कहा आप इस तरह की बातें बोल रहे हैं जब तक तुम उन पर काफिरों पर थूगोगेगे नहीं, अल्लाह नहीं मिलेगा। इस पर जस्टिस पार्डी वाला चौके। तब उन्होंने पूछा क्या फिल्म में ऐसा कुछ दिखाया गया है। इस पर कपिल सिब्बल बोले।
हां, इसके अलावा कपिल सिब्बल ने और भी कई सीन डायलॉग का जिक्र किया। जिसमें मुस्लिम लोग महिलाओं को रिझाने की बात कर रहे थे। बिना मतलब बोल रहे थे। उन्हें प्रेग्नेंट कर दो। यह सब सुनकर आपको फिल्म मेकर्स की मंशा समझ आएगी।
इसे सुनकर जस्टिस ने कहा फिल्म को हमें भी देखना चाहिए। कोर्ट इस पर जुलाई के दूसरे हफ्ते में सुनवाई करेगा।
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