नई दिल्ली। समान नागरिक संहिता पर विधि आयोग द्वारा मांगे जा रहे सुझाव की अवधि को लेकर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने एक नई मांग रख दी है। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की ओर से समान नागरिक संहिता पर सुझाव की अवधि बढ़ाने की मांग रखी है। मुस्लिम मंच के अनुसार देश के करोड़ों लोगों को अभी तक इसकी जानकारी तक नहीं है ऐसे में इसकी अवधि बढ़ाई जाए ताकि आमजन को इसके बारे में जानकारी हो सके। विधि आयोग की ओर से 14 जुलाई तक समान नागरिक संहिता पर सुझाव मांगे हैं। समान नागरिक संहिता पर एमआरएस की और से चार लाख से अधिक सुझाव विधि आयोग को भेजे हैं। हालांकी जो अवधि तय की गई थी उसमें 10 लाख सुझाव भेजने का लक्ष्य रखा गया था।
एमआरएम की और से बैठक आयोजित की गई थी जिसमें कई पदाधिकारी मौजूद रहे थे। इस बैठक में क्षेत्रवार आंकड़े भी रखें गए थे। एमआरएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहिद सईद ने कहा समान नागरिक संहिता को लेकर मुस्लिम समुदाय में भ्रम फैलाया जा रहा हैं। शाहिद ने बताया की इस कानून के आने से मुस्लिम समुदाय को विवाह हिंदू रीति रिवाज से करना होगा ऐसा भ्रम फैलाया जा रहा हैं।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की और से समान नागरिक संहिता के पक्ष में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा हैं। ताकी आमजन को इसको लेकर जागरूक किया जा सके। आमजन को जागरूक करने के लिए पांच हजार से अधिक कार्यक्रम भी चलाए जा रहे है। आमजन को जागरूक किया जा रहा हैं इस कानून के आने के बाद लड़कियों को बराबर का हक मिलेका।