भारत में सभी लोग अपने धर्म के हिसाब से अपने धार्मिक क्रियाकलाप करते है लेकिन कई बार धर्म के नाम ऐसे फैसले लिए जाते है जो बहुत ज्यादा चर्चा में आने के साथ विवादों में घिर जाते है। ऐसा ही एक विवाद इन दिनों देखने को मिल रहा है क्योंकि मुस्लिम समाज से जुड़े कुछ लोगों ने अपने शादी विवाह को लेकर एक ऐसा फैसला लिया है जो बहुत ज्यादा चर्चा में है।
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मध्य प्रदेश के खरगोन जिले मुस्लिम समाज की शादियों में डीजे, बैंड-बाजा और नाच.-गाना पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही अगर कोई परिवार ऐसा करता है तो यहां उलेमा निकाह ही नहीं पढ़ाएंगे, यानी उस घर में शादी ही नहीं होगी। सट्टा. खेलने और शराब पीने पर भी रोक लगाने का फरमान जारी किया है। डीजे बजाने पर प्रशासन ने तो प्रतिबंध लगाया लेकिन इस पर अमल नहीं हो रहा है।
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शादियों में डीजे पर पाबंदी लगाने के लिए उलेमाओं ने ये फैसला लिया है। इस फरमान के बाद अब किसी भी मुस्लिम की शादी में डीजे नहीं बजेगा। अगर डीजे बजाया गया तो कोई भी उलेमा निकाह नहीं पढ़ाएगा। निकाह सिर्फ मस्जिद में ही पढ़ा जाएगा अन्य स्थान पर नहीं और साथ ही सामाजिक बुराई भी खत्म करने का प्रयास किया है। शराब और जुआ को हराम बताया गया और इस पर भी रोक लगाई गई है।
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शादी कार्यक्रम के आयोजन में डीजे, आतिशबाजी, नाच, जुआ खेलने जैसे कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जो धर्म के खिलाफ हैं। अगर ऐसे कार्यक्रम किए गए तो वहां मौलाना निकाह नहीं पढ़ाएंगे और ना ही उस शादी में कोई हिस्सा लेगा। इस फैसले को अमल में लाने के लिए इसका प्रचार किया जाएगा।