हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा के नेता संतोष सुमन मांझी ने नीतीश कुमार की कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है। जीतन राम मांझी बेटे संतोष सुमन के साथ ही सत्ताधारी महागठबंधन से बाहर आ गए हैं। इस महागठबंधन से अलग होने के बाद नीतीश कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होनें कहा ठीक ही रहा जो चले गए। इधर की बातें उधर करते रहते थे। अभी हमारी विपक्षी दलों के साथ बैठक होनी है। अगर मांझी होते तो बातें सुनकर भाजपा को जा बताते।
बीजेपी वालों में ही मिलने लगे थे
संतोष सुमन के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने पर बिहार की सियासत में घमासान मचा हुआ है। नीतीश कुमार ने मांझी पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि वो भी बीजेपी वालों की तरह ही बनते जा रहे थे। मांझी के भाजपा के करीब जाने की जानकारी मिली थी। अभी वो होते तो हमारी विपक्षी दलों की बैठक में भी शामिल होते। इस मीटिंग में बैठते तो अंदर की सारी बातें बीजेपी को पास कर देते।
मैने कहा था या तो जदयू में मिलो या निकल जाओ
सीएम नीतीश कुमार ने मांझी पर निशाना साधते हुए कहा कि हमने खुद ने मांझी के सामने पार्टी का जदयू में विलय करने या अलग होने की पेशकश की थी। मैने कहा था या तो जदयू में मर्ज करें या फिर यहां से जाएं। इसके बाद मांझी ने अलग होने का फैसला लिया।
बता दें कि 16 जून को नीतीश कैबिनेट में विस्तार करते हुए जदयू विधायक रत्नेश सदा को मंत्री पद सौंपा गया। राजभवन के दरबार हाल में शुक्रवार को राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर ने रत्नेश सदा को मंत्री पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। दलित समाज से आने वाले रत्नेश सदा सहरसा जिले के सोनबरसा से जदयू विधायक हैं।