जयपुर। मुस्लिम देश यूएई से भारत लौटकर आतंक मचाने वाला और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह अब नहीं बचेगा। क्योंकि उसके कई सारे गुर्गे पंजाब पुलिस की पकड़ में आ चुके हैं और अब वो एक एक करके सारे राज खोल रहे हैं। वारिस पंजाब दे नाम से आतंकी संगठन बनाने वाले अमृतपाल के पांच सदस्यों के खिलाफ रासुका यानि राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाया गया है।
पंजाब पुलिस पड़ी है पीछे
पंजाब IGP सुखचैन सिंह गिल ने कहा कि 'वारिस पंजाब दे' प्रमुख अमृतपाल सिंह अभी तक फरार है। पुलिस उसे पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। कई तरह की अफवाहें फैलाई जा रही हैं। पंजाब पुलिस साफ कह रही है कि गिरफ्तारी अभी बाकी है और गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।
इतने हो चुके गिरफ्तार
IGP सुखचैन सिंह गिल ने कहा कि उनमें से 78 को पहले दिन गिरफ्तार किया गया, 34 को दूसरे दिन और दो अन्य को कल रात गिरफ्तार किया गया। 10 हथियार बरामद किए गए हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य में शांति है. वारिस पंजाब दे के कुछ तत्वों के खिलाफ विशेष कार्रवाई की गई। इनके खिलाफ 6 आपराधिक मामले दर्ज हैं। अब तक 114 तत्वों ने शांति और सद्भाव को भंग करने का प्रयास किया। उन्हें राउंडअप कर गिरफ्तार कर लिया गया है।
असम भेजे गए पांचों बंदी
पंजाब आईजीपी ने कहा कि चार बंदियों को हिरासत के बाद असम के डिब्रूगढ़ भेज दिया गया। वे हैं दलजीत कलसी, बसंत सिंह, गुरमीत सिंह भुखनवाला और भगवंत सिंह। एक और बंदी, हरजीत सिंह – अमृतपाल सिंह के चाचा को भी डिब्रूगढ़ ले जाया जा रहा है।
RAF और CRPF का फ्लैग मार्च
जालंधर की DCP वत्सला गुप्ता ने बताया कि लोगों में सुरक्षा की भावना पैदा करने के लिए फ्लैग मार्च निकाला जा रहा है। हमारे पास RAF की 3 कंपनी और एक CRPF की कंपनी हैं। पूरे शहर में फ्लैग मार्च निकाला जा रहा है।