One Nation, One Election: एक देश-एक चुनाव कानून के लिए कमेटी तैयार कर केंद्र की बीजेपी सरकार ने बड़ा दांव खेला है। अगर केंद्र सरकार ऐसा करने में सफल हो जाती है तो कई राज्यों में स्तिथ विपक्ष की सरकार तुरंत प्रभाव से गिर जायेगी। ऐसे राज्यों में अगले चुनाव होने तक राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाएगा। सरकार ने वन नेशन-वन इलेक्शन पर रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी पूर्व राष्ट्र्पति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) को सौंपी हैं।
साल 2020 में पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वन नेशन-वन इलेक्शन (One Nation, One Election) की पैरवी की थी। जिसका मतलब है देश में होने वाले विधानसभा और लोकसभा समेत अन्य सभी चुनाव एक ही समय पर क्रियान्वित किये जाए। पूर्व चुनाव आयुक्त ओपी रावत बताते है कि सरकार की तरफ से 2014-15 में ही इसके लिए सुझाव मांगा गया था। इसे बनाने के लिए जन प्रतिनिधित्व कानून में आंशिक संशोधन करने की आवश्यकता होगी।
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गौरतलब है कि देश में 1952 से लेकर 1967 तक लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ संपन्न हुए थे। लेकिन अब देश में सिर्फ 5 राज्य (आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश) ही ऐसे है, जिनमें लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ होते है। वही, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में लोकसभा चुनाव के 6 महीने पहले और महाराष्ट्र और हरियाणा में 6 महीने बाद विधानसभा चुनाव होते है।
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पहला: ढाई-ढाई साल के स्लॉट में हो चुनाव – लोकसभा और विधानसभा (Lok Sabha and Assembly) के चुनाव एक साथ करवाने की योजना बनती है तो कुछ राज्यों के चुनाव शुरू के ढाई साल में और बाकी राज्यों के चुनाव अगले ढाई साल के स्लॉट में होंगे।
दूसरा: पांच साल में एक बार ही हो चुनाव – एक साथ सभी राज्यों के चुनाव कराए जाएं तो कई राज्यों में विधानसभाएं भंग करनी होगी। अगर बीच में किसी राज्य में विधानसभा भंग होता है, तो वहां राष्ट्रपति शासन लागू करना होगा। इस फॉर्मूले में कई पेंच फंसने की पूरी उम्मीद है।
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ढाई-ढाई साल फॉर्मूला यदि लागू होता है तो पहले स्लॉट में आंध्र प्रदेश, अरुणाचल, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा, झारखंड, केरल, मध्य प्रदेश, दिल्ली, ओडिशा, पुड्डुचेरी, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना. जम्मू-कश्मीर और पश्चिम बंगाल में लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ हो सकते है।
राजस्थान, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु और दिल्ली में अभी गैर-बीजेपी सरकार है। यानी कि INDIA गठबंधन की सरकार है। राजस्थान और छत्तीसगढ़ को छोड़कर बाकी के 6 राज्यों की सरकार के पास 1 साल से अधिक का कार्यकाल शेष बचा हुआ है। दिल्ली में फरवरी 2025, बिहार में नवंबर 2025, केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में मई 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं।
महाराष्ट्र, हरियाणा, सिक्किम, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी और अरुणाचल में अभी NDA की सरकार है, जहां 2024 में चुनाव होने तय है। मध्य प्रदेश में नवंबर 2023 में चुनाव हैं, जहां पर भी बीजेपी की सरकार हैं। एक देश-एक चुनाव का रोस्टर फॉर्मूला यदि इन्ही चुनावों में लागू कर दिया गया तो उत्तर प्रदेश, कर्नाटक पंजाब जैसे राज्यों में समय से पहले चुनाव करवाने होंगे। इससे एक देश-एक चुनाव कराने की योजना केंद्र सरकार के लिए आसान नहीं होने वाली है।
एक सर्वे के मुताबिक लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक ही वक्त में होने पर 77 प्रतिशत मतदाता एक ही पार्टी का चुनाव करता है, ऐसे में बीजेपी को सबसे अधिक फायदा मिलने की संभावना हैं। इस तरह से बीजेपी समर्थित NDA गठबंधन विपक्ष के INDIA गठबंधन पर पूरी तरह हावी हो जाएगा।
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