पटना में आज यानि 23 जून को सीएम नीतीश कुमार के आवास पर विपक्षी दलों की बैठक होने वाली है। इसके लिए विभिन्न राज्यों से सीएम और नेताओं के आने का सिलसिला गुरुवार से ही शुरु हो गया। गुरुवार को 4 राज्यों के सीएम और 1 पूर्व मुख्यमंत्री बिहार पहुंच गए। पटना पहुंचकर बंगाल सीएम ममता बनर्जी ने राबड़ी देवी को बुके देकर उनका स्वागत किया तो लालू यादव के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। वहीं एक दिन पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल इस बैठक को लेकर कांग्रेस को अल्टीमेटम दे चुके है। उन्होनें कहा कि कांग्रेस को केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ अपना रुख स्पष्ट करना होगा।
गुरुवार को पहुंचे ये मंत्री
2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ हो रही विपक्षी एकता की मीटिंग में शामिल होने के लिए बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, तमिलनाडु के सीएम एम के स्टालिन, पंजाब सीएम भगवंत मान और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के साथ ही जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री भी 22 जून को पटना पहुंच चुके है। नीतीश कुमार ने पटना सर्किट हाउस में ममता बनर्जी, होटल चाणक्य में केजरीवाल से, स्टेट गेस्ट हाउस में महबूबा मुफ्ती और भाकपा माले राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य से कदमकुआं स्थित माले राज्य कार्यालय जाकर मुलाकात की। इनके अलावा कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, झारखंड हेमंत सोरेन, शरद पवार, फारुख अब्दुल्ला, उद्धव ठाकरे, अखिलेश यादव सहित कई नेता आज सुबह पटना पहुंचे।
बैठक का एजेंडा
पहले यह मीटिंग सुबह 11 बजे होनी थी लेकिन नेताओं की फ्लाइट लेट होने के कारण अब 11.30 बजे से बैठक शुरु होगी जो कि 4 बजे तक चलेगी। करीब 5 घंटे तक चलने वाली बैठक में सभी दलों के शीर्ष नेता विपक्षी एकता को मजबूत तरीके से कायम करने को लेकर गंभीर मंथन करेंगे। इस बैठक का मुख्य एजेंडा यह है कि सभी दल मिलकर बीजेपी के खिलाफ एकजुट होकर कैसे चुनाव लड़ेंगे। इसके साथ ही बैठक में कुछ राज्यों के अलग मुद्दे हैं उनको लेकर भी चर्चा की जाएगी।
केजरीवाल एक दिन पहले कांग्रेस को दे चुके अल्टीमेटम
आम आदमी पार्टी ने गुरुवार को कांग्रेस को केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन देने के लिए कहा है। साथ ही यह भी अल्टीमेटम दिया है कि अगर कांग्रेस हमारा साथ नहीं देती है तो हम विपक्ष की मीटिंग में शामिल नहीं होंगे। सबसे पहले केजरीवाल जिस मुद्दे को उठाएंगे वो है केंद्र के खिलाफ अध्यादेश और कांग्रेस का रूख स्पष्ट करना। इस दौरान वहां मौजूद सभी पार्टियां कांग्रेस से अध्यादेश को लेकर स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहेंगी।