Pani Peene ki Dua: पानी इस दुनिया की वो नेअमत है जिसके बिना धरती पर जीवन संभव नहीं है। रमजान का मुबारक महीना चल रहा है। रोजेदार भूख और प्यास को बर्दाश्त करके अल्लाह का क़ुर्ब हासिल करने में जुटे हैं। पानी पीने का इस्लाम में एक खास तरीका है। जिसे नबी ए करीम सल्लाल्लाहु अलैही वसल्लम ने बताया था। रमजानुल मुबारक के इस महीने में हम आपको Pani Peene ki Dua हिंदी में बता रहे हैं। ताकि सभी मोमिन पानी पीते समय मौला का शुक्र अदा कर सकें और पानी पीने में भी नेकी हासिल कर सकें। पानी हमेशा बैठकर तीन सांस में पीना चाहिए। पानी को बेकार वेस्ट नहीं करना चाहिए। इस्लाम में हर चीज का हिसाब कियामत के दिन लिया जाएगा। जल बचाओँ इंसान बचाओं।
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पानी पीने से पहले की दुआ (Pani Peene ki Dua)
बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम
तर्जुमा:- शुरु अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और निहायत रहम वाला है
पानी पीने के बाद की दुआ (Pani Peene ki Dua)
अल्हम्दुलिल लाहिल लज़ी सकाना अजबन फुरातम बि रहमतिही वलम यज अल्हु मिल्हन उजाजम बिजुनूबिना
तर्जुमा:- तमाम तारीफें उस अल्लाह के लिए हैं, जिस ने हमें मीठा और साफ़ शफ्फाफ़ पानी पिलाया और हमारे गुनाहों की वजह से खारा और कड़वा नहीं बनाया
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कुरआन शरीफ में पानी का जिक्र
अल्लाह तआला ने कलाम पाक यानी कुराने मजीद में पानी का जिक्र करते हुए फऱमाया है कि हमने इंसान के लिए आसमान से साफ पानी इंसान के लिए जमीन पर उतारा और हम इस पानी को वापस लेने में भी कादिर है। अगर इंसान ने अल्लाह की नाशुक्री की तो ये पानी की नेअमत वापिस भी ली जा सकती है। तभी तो आजकल बारिश कम होती है। अल्लाह का फरमान है कि जब मैं बंदों से नाराज होता हूं तो बेमौसम बारिश करता हूं। हमें अपने रब की इस अज़ीम नेअमत का शुक्र और हक अदा करना चाहिए। पानी को बर्बाद करने वालों के लिए कयामत के दिन सख्त अजाब है।
पानी पीने की नबी की सुन्नते
1 पानी पीने से पहले बिस्मिल्लाह पढ़ना चाहिए।
2 पानी को हमेशा दाहिने हाथ से पीना चाहिए।
3 पानी हमेशा तीन सांस में पीना चाहिए।
4 पानी पीते समय बर्तन में सांस नहीं लेना चाहिए।
5 पानी हमेशा बैठकर पीना चाहिए (सिर्फ जमजम यानी मक्का मदीना के पानी को खड़े होकर पीने का हुक्म है )
6 पीने के बाद अल्लाह की तारीफ बयां करनी चाहिए।