Patrakar ke liye Suvidhaye : पत्रकार….यानी वह बंदा जो देश दुनिया की तमाम छोटी बड़ी घटना, समाचार और सूचना को जनता तक पहुंचाता है। पत्रकारिता कह लो या मीडिया जिसे लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है। आज 30 मई 2024 को देश भर में हिंदी पत्रकारिता दिवस मनाया जा रहा है। पत्रकारों को शायद पता ही नहीं है कि सरकार उनको कितनी सुविधाएं (Patrakar ke liye Suvidhaye) देती हैं। हम आपको पत्रकारों को मिलने वाली सरकारी सुविधाओँ के बारे में जानकारी देने वाले हैं। ताकि लोगों तक हर जरूरी सूचना पहुंचाने वाले, और हर गम सहकर भी कलम का सिपाही बनने वाले जर्नलिस्ट को वो सम्मान (JOURNALISTS WELFARE SCHEME) दिया जा सके जिसका वो हकदार है। तमाम पत्रकार बंधु इस पोस्ट को जमकर शेयर करें।
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पत्रकार को मिलने वाली सुविधाएं (Patrakar ke liye Suvidhaye)
केंद्र सरकार पत्रकारों की मदद के लिए पत्रकार कल्याण योजना (Journalists Welfare Scheme JWS) लेकर आई है। पत्रकार भारत सरकार या किसी राज्य व केंद्र शासित प्रदेश की सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त होना चाहिए। यदि आप मान्यता प्राप्त पत्रकार नहीं है लेकिन प्रिंट, इलेक्ट्रानिक अथवा वेब आधारित सेवाओं (Electronic Media ke liye Suvidhaye) से पिछले कम से कम पांच सालों से जुड़े हैं तो भी आपको सरकारी मदद मिल जाएगी। पेशेवर फ्रीलांसर भी इसका लाभ ले सकते हैं।
गंभीर बीमारी में मिलेगी सरकारी मदद (Journalists Welfare Scheme)
इस योजना को जर्नलिस्ट वेलफेयर स्कीम यानी जेडब्ल्यूएस (Journalists Welfare Scheme) कहा जाता है। इसमें किसी पत्रकार की मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद (Patrakar ke liye Suvidhaye) दिए जाने का प्रावधान है। स्थाई दिव्यांगता के मामले में पीड़ित पत्रकार को पांच लाख रुपये मिलेंगे। जबकि कैंसर, रीनल फेल्योर, बाई पास, ओपेन हार्ट सर्जरी, एंजियोप्लास्टी, ब्रेन हैमरेज और लकवा जैसी गंभीर बीमारियों के केस में पीड़ित पत्रकार को तीन लाख रुपये (Journalists Welfare Scheme) तथा किसी गंभीर दुर्घटना के कारण उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती होने पर दो लाख रुपये देने का प्रावधान है।
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6 लाख रुपये तक की मदद मिलेगी
इसी प्रकार इस योजना में गैर-मान्यता प्राप्त पत्रकार (Patrakar ke liye Suvidhaye) को पत्रकारिता के किसी भी फील्ड में पांच वर्ष का तजुर्बा होने पर यदि वे किसी गंभीर दुर्घटना के कारण उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती होते है तो उनको एक लाख रुपये मिलेंगे। उसके बाद अगले प्रत्येक अतिरिक्त पांच सालों के लिए एक-एक लाख रुपये की मदद (Journalists Welfare Scheme) प्रदान किए जाने की व्यवस्था है। यानी कुल 6 लाख तक की राशि सरकार से आपको मिलेगी। लेकिन याद रहे कि गंभीर बीमारियों के इलाज के मामले में गैर-मान्यता प्राप्त पत्रकार को यह सुविधा 65 वर्ष की आयु तक के लिए ही लागू होगी।
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पत्रकारों के लिए क्या है सरकारी कानून
भारत में पत्रकारों (Patrakar ke liye Suvidhaye) की जो परिभाषा वर्किंग जर्नलिस्टस एंड अदर न्यूज पेपर इंपलाई कंडीशंस आफ सर्विस एंड मिसलीनियस प्रोविजंस एक्ट 1955 में श्रमजीवी पत्रकारों के लिए दी गयी है, वही इस सरकारी मदद के लिए मान्य होगी। फ्री लांस पत्रकार भी इस योजना (JOURNALISTS WELFARE SCHEME) के दायरे में आएंगे। लेकिन जो पत्रकार भाई किसी संस्थान में एक मैनेजर की तरह कार्य कर रहे हैं, वे इस लाभ के दायरे में नहीं आएंगे। पत्रकारों के परिजन भी इस योजना के दायरे में आएंगे। परिजन का अर्थ पति अथवा पत्नी, आश्रित माता-पिता अथवा आश्रित संतानों से है।
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पत्रकार बंधु कैसे आवेदन करें
सरकारी मदद की अभिलाषा रखने वाले पत्रकार बंधु (Patrakar ke liye Suvidhaye) पीआइबी (PIB) की वेबसाइट से अथवा भारत स्थित पीआइबी के किसी भी कार्यालय से ऑफलाइन आवेदन फॉर्म प्राप्त कर सकते हैं। विधिवत भरे हुए आवेदन पत्र को पीआईबी के संबंधित कार्यालय में जमा करा दे। इसके बाद पीआईबी अधिकारी द्वारा मामले की जांच पड़ताल के बाद इसे मुख्यालय नई दिल्ली रिपोर्ट के साथ भेजा जायेगा। समिति द्वारा जांच रिपोर्ट के आधार पर राष्ट्रीय स्तर पर सेलेक्टेड पत्रकारों के लिए मदद की राशि (JOURNALISTS WELFARE SCHEME) स्वीकृत की जाएगी। ये अहम जानकारी सब पत्रकार बंधुओं तक पहुंचाएं। क्योंकि पत्रकार सबकी मदद करता है, लेकिन पत्रकार की मदद कोई नहीं करता है। आप सभी पत्रकार बंधुओँ की हिंदी पत्रकारिता दिवस (Hindi Patrakar Divas 30 May 2024) की हार्दिक मुबारकबाद पेश करता हूं।
अर्ज किया है कि “अगर सच को लिखने की ताकत नहीं है, तो लिखने की तुझको ज़रूरत नहीं है।”