राहुल गांधी को सूरत कोर्ट से 2 साल की सजा मिलने के बाद लोकसभा सदस्यता खत्म कर दी गई है। दरअसल 11 जुलाई 2013 को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि अगर कोई भी सांसद या विधायक नीचे की अदालत में दोषी करार दिया जाता है और उसको सजा सुनाई जाती है तो उसी दिन से संसद या विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित हो जाएगा। इसी के बाद राहुल गांधी की सदस्यता खत्म कर दी गई। एक तरफ राहुल गांधी चुनावों की तैयारी कर रहे थे वहीं अब 8 साल तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। बता दें कि राहुल गांधी केरल की वायनाड सीट से सासंद थे।
केरल की आभा ने सुप्रीम कोर्ट में की याचिका दाखिल
राहुल गांधी की सदस्यता खत्म करने के खिलाफ केरल की आभा मुरलीधरन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस महिला ने सुप्रीम कोर्ट में जाकर राहुल गांधी की सदस्यता खत्म करने पर याचिका दाखिल की है। इस याचिका में आभा मुरलीधरन ने जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 8(3) को असंवैधानिक करार देने की मांग की है।
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जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत हुई सदस्यता रद्द
बता दें कि राहुल गांधी को संविधान के अनुच्छेद 102 (1) और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 धारा 8 के तहत अयोग्य घोषित किया गया है। यह अधिनियम कहता है कि अगर किसी व्यक्ति को दो साल या उससे अधिक की सजा सुनाई जाती है तो वह सदस्य उसी तारीख से अयोग्य घोषित किया जाता है। साथ ही व्यक्ति सजा पूरी होने के बाद भी जन प्रतिनिधि का चुनाव 6 साल तक नहीं लड़ सकता। इस तरह राहुल की सजा बरकरार रहने पर वो 8 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।