रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के 2000 के नोट के सर्कुलेशन बंद होने के ऐलान से जनता में हलचल बनी हुई है। 23 मई यानि आज से देश के सभी बैंकों में नोट बदलने की प्रक्रिया शुरु हो गई है। आरबीआई ने नोट बदलने के लिए 23 मई से 30 सितबंर की तारीख दी है। गवर्नर ने कहा कि 30 सितंबर की डेडलाइन के बाद भी 2000 के नोट वैध रहेंगे। आरबीआई ने सोमवार को एक और गाइडलाइन जारी की है जिसमें कहा गया है कि कितने नोट बदल गए है और कितने जमा हो गए है उनका हिसाब रखा जाएगा।
RBI के ऐलान के बाद नोटबंदी की तरह लोगों के घरों से जमा पैसे बाहर आने लगे है। 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी इसलिए की गई ताकि ब्लैक मनी पर रोक लगाई जा सके। उसके बाद 1000 के नोट बंद कर 2000 के नोट चलाए गए ताकि लोग जमा नहीं कर सके। लेकिन 2000 के नोटों ने जमाखोरी को और भी बढ़ा दिया। 2000 के नोट को रखना आसान था। लेकिन आरबीआई ने सभी के प्लान पर पानी फेर दिया।
पेट्रोल पंप मालिकों ने लगाई गुहार
पेट्रोल पंप के मालिक भी 2000 के नोट का सर्कुलेशन बंद किए जाने से परेशान हो गए है। पेट्रोल पंप के मालिकों ने सरकार से गुहार लगाई है। इन लोगों का कहना है कि आरबीआई पर्याप्त मात्रा में छोटे नोटों की सप्लाई को बढ़ाए। जल्द से जल्द सप्लाई बढ़ाकर 2000 के नोटों के बदले छोटे नोट मुहैया कराने के निर्देश दिए जाए।
जोमैटो में कैश ऑन डिलीवरी पर 2000 के नोटों की भरमार
फूड डिलीवरी एप जोमैटो का चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है। रिजर्व बैंक के ऐलान के बाद कैश ऑन डिलीवरी के रूप में जितने भी खाने के ऑर्डर मिले हैं, उनमें से 72 फीसदी का भुगतान 2000 रुपये के नोटों में किया गया। जोमैटो ने अपने ट्विटर अकाउंट पर इसकी जानकारी दी।