28 April 2024 Phalodi Satta Bazar: राजस्थान में दोनों चरणों की वोटिंग कई नए राजनीतिक समीकरणों की तरफ इशारा कर दिया है। दोनों चरणों में हुए कम मतदान प्रतिशत ने दोनों दलों की धड़कने तेजी कर दी है लेकिन सबसे ज्यादा बीजेपी को चिंता हो रही है। पिछले दो चुनावों में राजस्थान में बीजेपी ने सभी 25 सीटों पर बंपर जीत हासिल करते हुए नया रिकॉर्ड बनाया था, लेकिन इस बार ऐसा होता नहीं दिख रहा है। इस बार एकतरफा हवा नहीं थी और इसके कारण 5 से 7 सीटों पर कड़ा मुकाबला कड़ा दिख रहा है।
बीजेपी का हुआ विरोध
लोकसभा चुनावों से पहले बीजेपी को राजपूत, जाट, दलित समाज के विरोध का सामना करना पड़ा है। भरतपुर, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, जोधपुर, पाली, जालोर, बीकानेर, राजसमंद और उदयपुर सहित कई सीटों पर मतदान का विरोध किया जिसके कारण इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है।
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जीत का मार्जिन भी कम होगा
पिछले दो लोकसभा चुनाव में बीजेपी का जीत का मार्जिन काफी ज्यादा रहा था। लेकिन इस बार सभी सीटों पर मार्जिन घट सकता है क्योंकि इस बार मतदान प्रतिशत भी कम रहा था। इसी वजह से जीत का मार्जिन कम होने का दावा किया जा रहा है और इस बार 15 सीटों पर जीत का अंतर बहुत कम रहेगा। इस बार कम वोटिंग से भी नुकसान होगा इस बात को सभी दलों ने मान भी लिया है।
बीजेपी को अपनो से ज्यादा नुकसान
बीजेपी को इस बार उन सीटों पर कड़ी टक्कर मिल रही है जिन पर बीजेपी के बागी नेता चुनाव लड़ रहे है। चुरू, नागौर, कोटा, बाड़मेर जैसी सीटों पर बीजेपी के नेता ही उसके खिलाफ चुनाव लड़ रहे है। इन सीटों पर सट्टा बाजार का दावा है कि जीत का अंतर बहुत कम रहेगा और परिणाम पिछले साल के उलट देखने को मिल सकता है।
भाजपा को सभी सीट जीतने की उम्मीद है तो कांग्रेस का दावा है कि वह इस बार अपना खाता भी खोलेगी और बीजेपी से ज्यादा सीट जीतेगी।
सट्टा बाजार की बात करें तो इस बार बीजेपी का मीशन 25 सफल नहीं होगा और उसको कुछ सीटों पर अच्छी जीत मिलेगी लेकिन कुछ सीटों पर मुकाबला फंस सकता है।
इन सीटों पर भाजपा मजबूत : अलवर, भरतपुर, अजमेर, पाली, जोधपुर, श्रीगंगानगर, बीकानेर, जयपुर ग्रामीण, जयपुर, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा, कोटा, झालावाड़- बारां और टोंक- सवाई माधोपुर में अच्छे मार्जन से जीत मिलेगी।
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इन सीटों पर फंसा पेंच: चूरू, सीकर, करौली-धौलपुर, झुंझुनूं, दौसा, नागौर, बाड़मेर-जैसलमेर, जालोर-सिरोही और बांसवाड़ा-डूंगरपुर में कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी। इस बार इन सीटों पर परिणाम भी रोचक होगा।
सात चरणों के मतदान के बाद 4 जून को परिणाम आएग और उसमें इस बात का खुलासा होगा की इस बार सट्टा बाजार का दावा कितना सही साबित हुआ है। लेकिन केंद्र में मोदी सरकार हैट्रिक लगाने जा रही है इस बात को सट्टा बाजार ने भी माना है।