Kalaram Temple: अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के पूर्व पीएम मोदी ने शुक्रवार को नासिक के कालाराम मंदिर में दर्शन किए। यहां दर्शन के साथ ही उन्होंने पूजा-पाठ भी किए। नासिक तीर्थ क्षेत्र में आने वाला यह मंदिर भगवान राम, लक्ष्मण तथा मां सीता को समर्पित किया गया है। जानिए इस मंदिर के बारे में
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ऐतिहासिक महत्व रखता है कालाराम मंदिर
इस मंदिर का ऐतिहासिक महत्व भी है। किंवदंतियों के अनुसार यहां पर एक स्थानीय व्सक्ति को सपने में भगवान राम ने दर्शन देकर गोदावरी नदी में अपने होने का संकेत दिया। इस पर वह सपने में मिले संकेत के आधार पर गोदावरी नदी पहुचा तो वहां वास्तव में ही एक काले रंग के पत्थर से बनी भगवान राम की प्रतिमा थी। उसने उस प्रतिमा को एक मंदिर बनाकर उसमें स्थापित करवाया। इसी मंदिर को बाद में कालाराम मंदिर कहा गया।
2000 मजदूरों ने मिलकर 12 वर्षों में बनाया था कालाराम मंदिर
कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 1782 में करवाया गया था और इसे 2000 मजदूरों ने मिलकर 12 वर्ष में बनाया था। यहां पर भगवान राम खड़ी मुद्रा में विराजमान हैं। उनके साथ ही काले पत्थर की ही बनी लक्ष्मी और सीता की भी प्रतिमाएं हैं, सभी देव प्रतिमाओं की ऊंचाई लगभग फीट के आसपास है।
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इसलिए पड़ा कालाराम मंदिर नाम
प्राचीन किंवदंतियों के अनुसार राम अपने वनवास के दौरान नासिक के इस क्षेत्र में भी रहे थे। ऐसे में भगवान राम के अनुयायियों के लिए यह भी एक पावन तीर्थ बन चुका है। साथ ही इस मंदिर में भगवान राम, सीता और लक्ष्मण तीनों की ही काले पत्थर से बनी हुई प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। इसी वजह से राम की काली प्रतिमा होने के कारण मंदिर को कालाराम मंदिर कहा गया। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार आज भी यहां पर भगवान राम अपने भक्तों को दर्शन देते हैं।