PM Modi Varanasi: देश में इन दिनों लोकसभा चुनाव की तैयारी जमकर हो रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस बार 400 सीटों का लक्ष्य रखा है। हालांकि बीजेपी में कांग्रेस जैसी बिखराव की स्थिति बहुत ही कम देखने को मिलती है। लेकिन फिर भी वाराणसी में पार्टी के पुराने नेताओं ने बीजेपी से दूरी बनाना शुरु कर दिया है। इसका आभास पीएम मोदी को हो चुका है। उन्होंने अपने काशी दौरे के दौरान जब पार्टी के जिला और महानगर के चयनित पदाधिकारियों से मुलाकात की तब इशारों में बात कह दी। पीएम मोदी ने इशारे-इशारे में काशी के लोकल और पुराने नेताओं की नाकामियों को भी बता दिया। PM Modi ने Varanasi में क्या बड़ी बात कही आइए जान लेते हैं।
यह भी पढ़ें: PM Modi Big Announcement 2024: लोकसभा चुनावों से पहले पीएम मोदी का बड़ा ऐलान
पीएम मोदी को बीजेपी में विरोधाभास का आभास है
प्रधानमंत्री मोदी को बनारस में (PM Modi Varanasi) बीजेपी का नया ट्रैंड बखूबी समझ आ रहा है। दरअसल काशी में पुराने लोगों ने बीजेपी से दूरी बना ली है। धीरे धीरे ये बात मोदी जी तक पहुंच चुकी है। पीएम को भी पुराने नेताओं के पार्टी से कटने का आभास है। काशी आगमन पर पूर्व मंडल प्रमुखों से मुलाकात करके पीएम मोदी ने साफ संदेश दे दिया है कि उनकी तरफ से कोई कमी नहीं है, कमी है तो केवल बनारस वालों की है।
क्या कहा पीएम मोदी ने बनारस में?
पार्टी सूत्रों का कहना है कि पीएम मोदी को काशी की लोकल राजनीति की उठापटक का साफ अंदाजा है। तभी तो उन्होंने बनारस में कहा कि काशी में योजनाओं से लोगों का जीवन सुगम हुआ है, लेकिन स्थानीय संगठन में अभी भी बहुत कमियां हैं। यदि आपको वोट मांगने का अधिकार है तो ये केंद्र सरकार की योजनाओं के बाद मुमकिन हुआ है। कुल मिलाकर पीएम ने साफ कर दिया है कि पुराने नेताओँ को साथ लेकर चलना युवाओँ के लिए जरूरी है। दोनों का तालमेल ही बीजेपी की नय्या पार लगाएगा।
यह भी पढ़ें: देश में लागू हुआ CAA, मोदी सरकार ने जारी किया नोटिफिकेशन
पीएम मोदी का संगठन की कमी की ओर निशाना
पीएम मोदी ने कहा कि 2014 के पहले की काशी और आज की काशी में जमीन आसमान का अंतर है। आज बनारस अपनी भव्यता के लिए दुनिया भर में जानी जाती है। इतना विकास कराने के बाद भी काशी में पांच लाख वोट से जीत के अंतर का आंकड़ा पार नहीं हुआ तो फिर कहीं तो कमजोरी है। सूत्रों का कहना है पीएम मोदी ने काशी के स्थानीय संगठन की ओर इशारा करके साफ संदेश दिया है कि पुरानी बातें भूलकर एक होकर ही लोकसभा चुनाव जीता जा सकेगा।