वाराणसी में रविवार को G20 सम्मेलन की शुरुआत हुई। G-20 समिट भारत के कूटनीतिक और व्यापारिक रिश्तों के मद्देनजर काफी महत्वपूर्ण है। जी-20 मीटिंग के दूसरे दिन सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअली बैठक से जुड़े। उन्होनें मीटिंग शुरु होने से पहले विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में बैठक में शामिल होने वाले 500 से ज्यादा डिप्लोमेट्स का स्वागत किया। आज दूसरे दिन विदेश मंत्री एस जयशंकर की अध्यक्षता में वाराणसी के हस्तकला संकुल (टीएफसी) में विकास मंत्रियों की बैठक शुरू हो गई है।
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वाराणसी में जी-20 के विकास मंत्रियों की बैठक शुरु होने से पहले सोमवार को पीएम मोदी विशेष वीडियो संबोधन हुआ। अपने संबोधन में पीएम ने कहा कि मैं लोकतंत्र की जननी के सबसे पुराने जीवित शहर (बनारस) में आप सभी का हार्दिक स्वागत करता हूं। यह जी-20 विकास मंत्रियों की बैठक के लिए उपयुक्त स्थान है। उन्होनें कहा कि विकास को बनाए रखना किसी अकेले की जिम्मेदारी न होकर सामूहिक जिम्मेदारी है।
भारत दुनिया के विकास में हमेशा मदद के लिए तैयार है। पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया को बचाने के लिए पर्यावरण को बचाना सबसे महत्वपूर्ण है। इसलिए पर्यावरण को बचाने पर ध्यान देना जरुरी है। भारत अपने अनुभव दुनिया के साथ बांटने को तैयार है। साथ ही उन्होनें कहा कि कोविड महामारी के दौरान वैश्विक दक्षिण के देश सर्वाधिक प्रभावित हुए थे। इसलिए विकास, वैश्विक दक्षिण के लिए एक प्रमुख मुद्दा है।
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बता दें कि वाराणसी में जी-20 सम्मेलन 11 जून से शुरु होकर 13 जून तक चलेगा। इस सम्मेलन में पर्यावरण और जलवायु एजेंडे के बीच तालमेल को बढ़ावा देने के लिए सभी देशों के बीच सहमति बन सकती है। G-20 सम्मेलन में 500 से ज्यादा डिप्लोमेट्स शामिल हो रहे है। ये सभी 20 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों के होंगे। जयशंकर भारत की ओर से बैठक का नेतृत्व करेंगे।