POK Amit Shah: देश में इस समय रमजान के महीने में सीएए कानून को लेकर घमासान जारी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) का जिक्र किया है। अमित शाह ने कहा कि पीओके (POK Amit Shah) भारत का हिस्सा है। वहां रहने वाले हिंदू भी हमारे हैं और वहां रहने वाले मुसलमान भी यही के नागरिक है। साथ ही अमित शाह ने सीएए कानून को लेकर विपक्ष पर भी निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर विपक्षी दल मुस्लिम बंधुओं को गुमराह कर रहा है। सीएए में नागरिकता छीनने का कोई नियम नहीं है। तो चलिए हम जान लेते हैं कि पाकिस्तान को लेकर गृहमंत्री ने क्या कुछ कहा?
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POK के हिंदू भी हमारे मुसलमान भी हमारे (POK Amit Shah)
देश के गृह मंत्री की तरफ से पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाके में रह रहे मुसलमानों को लेकर हमदर्दी भरा बयान सामने आया है। बताया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के मददेनजर बीजेपी मुस्लिम समुदाय को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रही है। तभी तो रमजान के महीने में पाकिस्तान को लेकर देश के कद्दावर नेता का ऐसा चौंकाने वाला बयान सामने आया है। अमित शाह का कहना है कि पीओके में रहने वाला बच्चा बच्चा भारत का नागरिक है।
क्या कश्मीरियों को हक मिलेगा?
शाह शुक्रवार को नई दिल्ली में आयोजित साक्षात्कार में ये बातें कह रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि आजादी के समय पाकिस्तान में 23 प्रतिशत हिंदू रहते थे, जबकि आज वहां मात्र 2.7 प्रतिशत हिंदू ही बचे हैं। बाकी के हिंदू पाकिस्तान से कहां गए? उनका क्या हश्र हुआ कोई नहीं जानता? बांग्लादेश की बात करें तो वहां भी 10 प्रतिशत से भी कम हिंदू बचे हैं। पड़ोसी मुल्कों में बड़ी संख्या में धर्मांतरण हुआ। वहां उनके परिवार की महिलाओं के साथ नाइंसाफी हुई है। उनके परिवार के साथ वहां अत्याचार हुआ। उन्होंने भारत में पनाह ली। हमें उन्हें नागरिकता किस आधार पर नहीं देनी चाहिए।
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धर्म आधारित विभाजन बदनसीबी
साक्षात्कार में गृहमंत्री ने विपक्षी दलों पर खासकर कांग्रेस पर मुस्लिम समुदाय को गुमराह करने और कानून के खिलाफ उकसाने का आरोप भी लगाया। शाह के अनुसार सीएए में नागरिकता छीनने का कोई प्रावधान नहीं है। पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्य जो उत्पीड़ित महसूस कर रहे हैं, उन्हें विभाजन के समय यकीन दिलाया गया था कि वे बाद में भारत आ सकते हैं। ये हमारी बदकिस्मती है कि देश ने 1947 में धर्म आधारित विभाजन देखा है। अब वक्त आ गया है कि हम अतीत में की गई गलतियों का प्रायश्चित करें।
मुस्लिम बंधुओं के लिए CAA?
CAA के दायरे से मुसलमानों को बाहर रखने के बारे में पूछे जाने पर, गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि ये तीनों देश इस्लामिक राष्ट्र है। ऐसे में वहां पर मुसलमानों के उत्पीड़न का सवाल ही नहीं उठता है। जैसे भारत में हिंदू सुरक्षित है, वैसे ही इन देशों के मुसलमान महफूज है। यही वजह है कि “CAA की वजह से किसी की नागरिकता नहीं जाएगी। अमित शाह ने कहा कि मैं मुस्लिम भाइयों और बहनों से कहूंगा कि वे विपक्ष की चाल को समझे। विपक्ष आपके साथ फिर से केवल वोट लूटने की सियासत कर रहा है।