Ram Mandir Fatwa: दुनिया भर से अयोध्या राम मंदिर में भक्त जन लगातार पहुंच रहे हैं। इसी बीच राजनीति भी चरम है। देश के सबसे बड़े भव्य मंदिर (Ram Mandir Ayodhya) पर धर्म की राजनीति होना शुरू हो गया है। अयोध्या में मौजूद राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे एक इमाम के खिलाफ फतवा (Ram Mandir Fatwa) जारी किया गया है। आल इंडिया इमाम आर्गेनाइजेशन (AIIO) के प्रमुख इमाम उमर अहमद इलियासी (Imam Umer Ahmed Ilyasi) के खिलाफ यह फतवा (Ram Mandir Fatwa) जारी किया गया है। वह 22 जनवरी को अयोध्या में राममंदिर में आयोजित प्राण प्रतिष्ठा प्रोग्राम में भाग लेने गये थे। यही वजह है कि कुछ कट्टरपंथी मुस्लिम संगठनों ने उनके खिलाफ एक ‘फतवा’ जारी किया है।
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प्राण प्रतिष्ठा में पहुंचे इमाम
आपको बता दे कि इमाम उमर अहमद इलियासी (Imam Umer Ahmed Ilyasi) वही शख्स है जिन्होंने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की तुलना राष्ट्रपिता से की थी। राम मंदिर समारोह (Ram Mandir Ayodhya) में हिस्सा लेने के बाद से ही इलियासी को लगातार समुदाय विशेष के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है और ‘फोन पर धमकियां’ भी मिल रही हैं। इलियासी ने कहा कि फतवा (Ram Mandir Fatwa) उन्हें ‘सोशल मीडिया पर’ एक मौलाना की तरफ से जारी किया गया और उसमें उनके मोबाइल फोन नंबर का उल्लेख किया गया था और उसे सभी इमामों और मस्जिद प्राधिकारियों को भेजा गया था और उनसे इलियासी (Imam Umer Ahmed Ilyasi) का बॉयकॉट करने के लिए कहा गया था। साथ ही फतवे में इलियासी को माफी मांगने और पद से इस्तीफा देने के लिए भी कहा गया है।
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क्यों जारी हुआ फतवा?
इमाम इलियासी (Imam Umer Ahmed Ilyasi) ने कहा कि इस्लाम आपस में मोहब्बत और भाईचारे का संदेश देता है। यही वजह थी कि वे राम मंदिर समारोह में गये थे। ताकि देश में अमन और शांति का मैसेज जाएं। लेकिन कुछ तथाकथित धर्म के ठेकेदारों (Ram Mandir Fatwa) को उनकी गंगा जमुनी तहज़ीब वाली सोच से चिढ़ मची हुई हैं। इलियासी ने कहा कि मैंने सांप्रदायिक सौहार्द के लिए, देश के लिए और राष्ट्रहित को ध्यान में रखते हुए अयोध्या राम मंदिर समारोह (Ram Mandir Ayodhya) में हिस्सा लिया था। इमाम ने कहा कि अयोध्या वालों ने जिस मोहब्बत से उनका इस्तक़बाल किया वह काबिले एहतराम है। उन्होंने (Imam Umer Ahmed Ilyasi) देश को जोड़ने वाला काम किया है तो माफी मांगने और इमाम पद से इस्तीफा देने का तो सवाल ही नहीं उठता है। जरूरत है आज देश को ऐसे पढ़े लिखे काबिल मौलानाओं (Imam Umer Ahmed Ilyasi) की जो पैगंबरे इस्लाम की इंसानियत वाली सोच को आम मुसलमान के जेहन तक पहुंचा सके।