Ramadan 2024 Hindi:शबे बारात के बाद अब मुसलमान पाकीजा महीने रमजान की तैयारियों में जुट गए हैं। बता दे कि 10 मार्च 2024 को माहे रमजान का चांद नज़र आ सकता है। वही अरब देशों में 9 मार्च को रमजान का चांद (Ramadan 2024 Hindi) नज़र आ सकता है। ऐसे में रमजान का महीना भारत में या तो 11 से या 12 मार्च 2024 से शुरु होने वाला है। वही सऊदी अरब की बात करे तो वहां 10 या 11 मार्च 2024 से Ramadan शुरु हो सकता है। रमजान के महीने में अक्सर इफ्तार पार्टियों का चलन होता है। लेकिन इस बार सरकार ने नया फरमान जारी कर दिया है कि रमजान में मस्जिदों में इफ्तार पार्टी बंद की जाए तथा मस्जिदों में केवल इबादत की जाए। तो क्या है रमजान को लेकर सरकार का ये नया फरमान आईए जान लेते हैं।
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मस्जिदों में नहीं होगी इफ्तार पार्टी
दरअसल माहे रमजान में पूरे तीस दिन बंदा रोजे रखता है और अल्लाह की इबादत करता है। लेकिन कई लोग इफ्तार पार्टी के नाम पर सियासत करने में लगे रहते हैं। भारत में अक्सर देखा गया है कि रमजान आते ही राजनैतिक पार्टियां और फिल्म जगत वाले रोजा इफ्तार पार्टी करने लग जाते हैं। इस वजह से मस्जिदों में नमाज पढ़ने वाले लोगों को खलल होता है। रोजा इफ्तारी मस्जिद में होने की वजह से लोग मगरिब की नमाज को छोड़कर खानी पीने में मशगूल रहते हैं। इस वजह से बाकी नमाजियों को भी परेशानी होती है। साथ ही रोजा इफ्तारी की वजह से मस्जिद गंदी भी हो जाती है। यही वजह है कि इस Ramadan 2024 में मस्जिदों में इफ्तारी को लेकर नये नियम निकले हैं।
जयपुर के बाजारों में इफ्तार पार्टी
गुलाबी नगरी जयपुर में रोजा इफ्तार का आलम ये है कि मुस्लिम बाहुल्य बाजारों जैसै रामगंज सुभाष चौक आदि में बाजारों में ही इफ्तारी का आयोजन होने लगता है। जिससे आम ग्राहकों और दुकानदारों को काफी परेशानी होती है। कई बार तो रमजान में सड़क पर जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। पैगंबरे इस्लाम की नसीहत है कि आपकी वजह से किसी भी गैर मुस्लिम को तकलीफ नहीं पहुंचनी चाहिए। हालांकि फिलहाल ये नियम भारत में नहीं बल्कि सऊदी अरब में लागू किये गये हैं। लेकिन भारत के साथ ही जयपुर में भी इफ्तार पार्टी पर नियम बनने चाहिए।
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अरब के सुलतान का फरमान
हालांकि भारत में इफ्तार को लेकर कोई सरकारी फरमान जारी नहीं हुआ है। अभी केवल सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अल सऊद की आज्ञा से अरब की मस्जिदों के लिए शाही फरमान जारी हुआ है। MBS के नए आदेशानुसार, रमजान के दौरान सऊदी अरब की मस्जिदों के अंदर इफ्तार पार्टी नहीं हो सकेगी। इसके साथ ही रोजा इफ्तार के नाम पर चंदा लेने पर भी रोक लगा दी गई है।
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MBS प्रिंस ने ऐसा क्यों किया?
MBS प्रिंस क्राउन सलमान ने इमामों से कहा है कि तरावीह की नमाज को लंबा करने से बचे और लंबी तकरीर के बजाय फटाफट नमाज पर ध्यान दे। कारण है कि सऊदी अरब अपने देश की छवि को एक कट्टरपंथी मुल्क से बदलना चाहता है। प्रिंस सलमान की नई आर्थिक नीति इसकी वजह है, यानी 2030 तक MBS प्रिंस सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था की तेल से निर्भरता को हटाकर अरब को ताकतवर मुल्क बनाना चाहते हैं।