Ramadan 3rd Ashra : माहे मुबारक रमजान का आज से तीसरा अशरा शुरु होने जा रहा है। आज भारत में बीसवां रोजा है। 31 मार्च 2024 की शाम को ही 21वीं तरावीह की नमाज होगी। ऐसे में आज शाम को इफ्तार के बाद से ही रमजान का तीसरा अशरा शुरु हो जाएगा। तीसरा अशरा (Ramadan 3rd Ashra) रमजान के आखिरी के दस दिनों को कहते हैं। इसमें बंदे को जहन्नम की आग से निजात बख्शी जाती है। लैलतुल कद्र यानी शबे कद्र भी इसी अशरे में होती है। पांच रातों में से कोई एक रात हजार महीने से अफजल होती है। साथ ही आज शाम से ही एतिकाफ में बैठने वाले हजरात मस्जिद में पर्दा करके ऐतिकाफ की शुरुआत करेंगे।
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अरबी में अशरा का मतलब दस दिन से होता है। यानी रमजान में तीन अशरे हैं, मतलब के दस दस दिन के तीन अंतराल हैं। पहला और दूसरा अशरा गुजर चुका है। तीसरा अशरा आज शाम से प्रारंभ हो जाएगा। बरकत और मगफिरत के बाद अब बंदों को दोजख की भड़कती हुई आग से अल्लाह की पनाह मिल जाएगी। तीसरे अशरे में जहन्नम की आग से खुलासी की दुआ करते रहे। किसी भी बड़ा गुनहगार हो अगर इन दस दिनों में अल्लाह के सामने सच्ची तौबा कर ली तो मौला माफ फरमा देगा।
रमजान के आखिरी अशरे की एक अहम इबादत ऐतिकाफ है। ऐतिकाफ मतलब दुनिया से कटकर मस्जिद में एकांतवास करना जिसे महिलाएं घर पर कर सकती है। आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम हमेशा रमजान के आखिरी अशरे में ऐतिकाफ फरमाते थे। दस दिनों के लिए मस्जिद में ही खाना पीना और सोना होता है। एतिकाफ से बस्ती का अजाब टाल दिया जाता है। ईद का चांद दिखने पर एतिकाफ खत्म होता है।
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रमजान के आखिरी अशरे की एक अहम फजीलत यह भी है कि इसमें एक ऐसी रात पाई जाती है जो हजार महीनों से भी ज्यादा बेहतर है। जिस रात को कुरान मजीद में लैलतुल कद्र की रात कहा गया है। सूरह कद्र में अल्लाह तआला फरमाते हैं कि हमने कुरान को इसी रात में नाजिल किया। लेकिन ये रात पांच रातों में से कोई एक होती है। मतलब बंदों को पांचों विषम रातों में जागकर इलाही को राजी करते हुए इस रात को तलाश करना होता है। 21,23,25,27 और 29वीं रात में से कोई एक रात ही शबे कद्र होती है। इस बार 31 मार्च,2 अप्रैल,4 अप्रैल,6 अप्रैल,8 अप्रैल में से कोई एक रात लैलतुल कद्र होगी। भारत में 27वीं शब का महत्व ज्यादा है जो कि अलविदा जुम्मे के अगले दिन यानी शनिवार 6 अप्रैल 2024 को है। अल्लाह हमें रमजान के तीसरे अशरे की कद्र करने की तौफीक नसीब अता करें।
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