Ramadan Day 14 Dua: रमजान का एक एक दिन जैसे जैसे गुजर रहा है मोमिनों की रूह को बेचैनी हो रही है। आखिर साल में फिर से ऐसा नेकियों का महीना कहां मिलेगा। खैर आज 25 मार्च 2024 को चौदहवां रोजा रखा जा चुका है। चौदहवें रमजान को एक खास दुआ (Ramadan Day 14 Dua) पढ़नी चाहिए जिससे मौला आपकी खताए माफ कर देगा। इसके साथ ही जो मुश्किलें आपके तक्दीर में लिखी हुई हैं उन पर भी अल्लाह तआला हिम्मत के साथ सब्र करने की तौफीक अता फरमाएंगे। रमजान का दूसरा अशरा चल रहा है। मगफिरत का ये अशरा 31 मार्च को खत्म होगा। फिर शबे कद्र का दौर शुरु होगा।
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चौदहवें रमजान की दुआ
(Ramadan Day 14 Dua)
allahumma la tu´akhidhny fihi bil`atharati wa aqilny fihi mina alkhataya wal-hafawati
wa la taj`alny fihi gharadan lilbalaia wal-afati bi`izztika ya `izz almuslimina
ऐ अल्लाह आज के दिन लग्ज़िशों पर मेरी गिरफ़्त ना फरमां, इसमें मेरी ख़ताओँ और फुजूल बातों से दरगुज़र फरमा, और मुझको मुश्किलों और मुसीबतों का निशाना करार न दें, अपनी इज्जत का वास्ता ऐ मुसलमानों की इज्जत
Aye Allah Aaj Ke Din Lagzishon Par Meri Giraft Na Farma, Isme Meri Khataon Aur Fuzool Bataon Se Darguzar Farma, Aur Aaj Mujko Mushkilon Aur Musibaton Ka Nishana Qaraar Na Dey, Apni Izzat Ka Wasta Aye Musalmanon Ki Izzat.
اَللّـهُمَّ لا تُؤاخِذْني فيهِ بِالْعَثَراتِ، وَاَقِلْني فيهِ مِنَ الْخَطايا وَالْهَفَواتِ ، وَلا تَجْعَلْني فيهِ غَرَضاً لِلْبَلايا والآفات، بِعِزَّتِكَ يا عِزَّ الْمُسْلِمينَ
ALLAH on this day do not condemn me for slips, make me decrease mistakes and errors, do not make me a target for afflictions and troubles, by Your honor, O the honor of the Muslims.
Amaal of 14th Ramadan
(Eve of 14 Ramadan)Six units with Surah al-Fatihah once and Surah al-Zalzalah (No. 99) thirty times.
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चौदहवें रमजान को क्या है खास?
चौदहवें रमजान को दूसरे अशरे का चौथा दिन है। 11 से मगफिरत का दूसरा अशरा शुरु हो चुका है। कहा जाता है कि 11 रमजान से लेकर बीस रमजान की शाम तक सभी मुसलमानों की मगफिरत की जाती है। सच्चे दिल से अगर कोई बंदा रमजान के दूसरे अशरे में तौबा इस्तगफार कर ले तो उसकी मगफिरत कुबूल होती है। मतलब गुनाहों से माफी मिलने का यही सबसे बेस्ट टाइम है। चौदहवें रमजान को ये दुआ पढ़ने से आपको अपनी लग्जिशों और गलतियों पर अल्लाह की माफी मिलेगी।
दूसरा अशरा क्या है?
अशरा मतलब दस दिनों का एक ग्रुप। रमजान को तीन अशरों में बांटा गया है। पहला अशरा 1 से 10 रमजान तक रहता है, जिसे रहमत का अशरा कहा जाता है। वही दूसरा अशरा मगफिरत का होता है। जो कि 11 रमजान से 20 तक रहेगा। इसके बाद तीसरा और आखिरी अशरा आएगा। 21 से 30 रमजान तक का अशरा जहन्नम की आग से आजादी का होता है। कल 22 मार्च 2024 को दूसरा अशरा शुरु हो चुका है।