Ramadan Day 17 Dua: मुसलमानों का मुबारक महीना रमजान का दूसरा अशरा चल रहा है। आज 28 मार्च 2024 को सत्रहवां रोजा रखा जा चुका है। हर रमजान के लिए एक खास दुआ नबी ए करीम ने बताई है जिसे उस दिन खुसूसी तौर पर पढ़नी चाहिए। सत्रहवें रमजान को एक खास दुआ (Ramadan Day 17 Dua) पढ़नी चाहिए जिससे मौला आप पर खुसूसी रहमतें नाजिल फरमाएगा। इसके साथ ही अल्लाह तआला नबी ए करीम के सदके में आपको आफीयत और सब्र की तौफीक अता फरमाएंगे। रमजान का दूसरा अशरा चल रहा है। मगफिरत का ये अशरा 31 मार्च को खत्म होगा। फिर तीसरे अशरे में शबे कद्र का दौर शुरु होगा। अलविदा जुम्मा 5 अप्रैल को होगा। ईद का चांद 10 अप्रैल को नजर आ सकता है। आज 28 मार्च 2024 के दिन 18वीं तरावीह होगी।
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सत्रहवें रमजान की दुआ (Ramadan Day 17 Dua)
Allâhumma ahdinî fîhi li-sâlih-il-a°mâli, wa-qdhi lî fîhi-l-hawâ’ija wa-l-âmâla, yâ man lâ yahtâju ilâ-t-tafsîri wa-s-so’âli, yâ °âliman bimâ fî sudûdr -il-°âlamîna, salli °alâ Mohammadin wa âlihi at-tâhirîna
ऐ अल्लाह आज के दिन मुझे नेक आमाल बजा लाने की हिदायत फरमा, और इसमें मेरी हाजतें और ख्वाहिशें पूरी फरमा, ऐ वो जो सवाल औऱ उनकी वज़ाहत का मोहताज नहीं, ऐ सारे आलम के सीने की राज़ को जानने वाले, मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर और उनकी आल पर रहमत नाजिल फऱमा
Aye Allah Aaj Ke Din Mujhe Neik Aamaal Baja Lane Ki Hidayat Farma, Aur Isme Meri Hajatein Aur Khwahishein Poori Farma, Aye Woh Jo Sawal Aur Unki Wazahat Ka Muhtaaj Nahi, Aye Sare Aalam Ke Seenon Ke Raaz Ko Jaan Ne Wale, Muhammad Sallallahu Alaihi Wasallam Par Aur Unki Aal Par Rehmath Nazil Farma.
اَللّـهُمَّ اهْدِني فيهِ لِصالِحِ الإعمال، وَاقْضِ لي فيهِ الْحَوائِجَ والآمال، يا مَنْ لا يَحْتاجُ اِلَى التَّفْسيرِ وَالسُّؤالِ، يا عالِماً بِما في صُدُورِ الْعالَمينَ، صَلِّ عَلى مُحَمَّد وَآلِهِ الطّاهِرينَ
ALLAH on this day guide me towards righteous actions, fulfill my needs and hopes, O One who does not need explanations nor questions, O One who knows what is in the chests of the (people of the) world. Bless Muhammad and his family, the Pure.
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सत्रहवें रमजान को क्या है खास?
सत्रहवां (17th Ramadan) रमजान 28 मार्च 2024 को रमजान के दूसरे अशरे का सातवां दिन है। 11 रमजान से मगफिरत का दूसरा अशरा शुरु हो चुका है। कहा जाता है कि 11 रमजान से लेकर बीस रमजान की शाम तक सभी मुसलमानों की मगफिरत की जाती है। सच्चे दिल से अगर कोई बंदा रमजान के दूसरे अशरे में तौबा इस्तगफार कर ले तो उसकी मगफिरत कुबूल होती है। मतलब गुनाहों से माफी मिलने का यही सबसे बेहतरीन वक्त है। 28 मार्च 2024 को सत्रहवें रमजान के दिन ये दुआ पढ़ने से आप पर मौला की रहमत नाजिल होगी तथा नबी ए पाक का साया नसीब होगा।
सेहरी का टाइम अलग क्यों हैं?
चूंकि हर सिटी की जियोग्राफिक लोकेशन अलग अलग होती हैं, अत रमजान में सेहरी और इफ्तारी करने का समय भी हर शहर का अलग होता है। जिला लेवल पर एक ही रमजान कैलेंडर चलता है। जैसे जयपुर में सेहरी का अलग टाइम होता है और दिल्ली और भोपाल में अलग समय होता है। यही वजह है कि अरब देशों में आज पहला रोजा एडवांस में रखा जा चुका है। वहां ईद भी भारत से एक दिन पहले ही मना ली जाती है। ईद का चांद भारत में 10 अप्रैल 2024 को नजर आ सकता है।