Ramadan Taraweeh Dua Hindi: माहे मुबारक आने वाला है। आज 10 मार्च को अरब देशों में रमजान का चांद नजर आ सकता है। हिंदुस्तान में 11 मार्च 2024 की शाम को रमजान का चांद नजर आ सकता है। रमजान का चांद नजर आते ही रात में स्पेशल नमाज शुरु हो जाती है जिसे तरावीह की नमाज (Ramadan Taraweeh) भी कहते है। हम आपको हिंदी में तरावीह की दुआ (Ramadan Taraweeh Dua Hindi) बता रहे हैं। जिसे याद करके आप तरावीह की नमाज में बेइंतहा सवाब हासिल कर सकते हैं। खास बात है कि तरावीह में हर 4 रकाअत के बाद ये खास दुआ (Ramadan Taraweeh Dua Hindi) पढ़ी जाती है। इस दौरान नमाजी भी 10 सेकंड का विश्राम ले लेते हैं। तरावीह की नमाज दो घंटे तक चलती है। अपने मुस्लिम दोस्तों के साथ ये जानकारी जरूर शेयर करें। भारत में पहली तरावीह कल 11 मार्च 2024 को हो सकती है।
यह भी पढ़ें: Ramzan Ka Chand: रमजान में पुरूष ये कपड़े पहने, मिलेगा बहुत ज्यादा सवाब!
सुब्हा-नल मलिकिल क़ुद्दूस
सुब्हा-न ज़िल मुल्कि वल म-ल कूत
सुब्हा-न ज़िल इज्जती वल अ-ज़-मति वल-हैबति वल क़ुदरति वल-किब्रियाइ वल-ज-ब-रुत
सुब्हा-नल मलिकिल हैय्यिल्लज़ी ला यनामु व ला यमूत
सुब्बुहुन कुद्दूसुन रब्बुना व रब्बुल मलाइकति वर्रूह
अल्लाहुम्मा अजिरना मिनन्नारि
या मुजीरु या मुजीरु या मुजीर
Subhanal Malikil Quddus
Subhana jil Mulki wal Malakuti
Subhana jil izzati wal ajhmati wal haybati wal Qudrati wal kibriyaa’i wal jabaroot
Subhanal Malikil hayyil lajhi, la yunaamu wa layamutu
Subbuhun, Quddusun, Rabbuna w Rabbul malaa’ikati war-rooh
Allahumma Ajirnee Minan Naar
Ya Mujeero, Ya Mujeero, Ya Mujeer
पाक है वो अल्लाह जो मुल्क और बादशाहत वाला है। पाक है वो अल्लाह जो इज्ज़त वाला, और अज़मत वाला, और हैबत वाला, और कुदरत वाला, और बड़ाई वाला, और सतवत वाला है। पाक है वो अल्लाह जो बादशाह है, जिंदा रहने वाला है, के ना उसके लिए नींद है और ना मौत है, वो बे इन्तेहा पाक है, और बेइंतेहा मुक़द्दस है, हमारा परवरदिगार फरिश्तों और रूह का परवरदिगार है। ए अल्लाह जहन्नम की आग से हमें बचाना। ऐ बचाने वाले, ऐ पनाह देने वाले, ऐ निजात देने वाले।
यह भी पढ़ें: Ramadan Taraweeh: रमजान में ताज महल में रात के समय होगा ये काम, केवल आगरा वालों को मिलेगी एंट्री!
तरावीह जिसे भारतीय जुबान में तराबी भी कहते है इसका मतलब ठहराव से है। यानी कि किसी चीज़ के बाद आराम या ठहरना होता है उसे अरबी में तरावीह कहा जाता है। रमजान का चांद दिखते ही ये शुरु होती है और ईद के चांद पर खत्म होती है। रोजे से एक दिन पहले तरावीह शुरु होती है और आखिरी रोजे के दिन पूरी हो जाती है।
तरावीह की दुआ उस वक़्त पढ़ी जाती है जब चार रकाअत मुकम्मल हो जाती है। अर्थात हर चार रकात के बाद सलाम फेरने के बाद उसी हालत में तरावीह की ये दुआ पढ़ी जाती है। कुल मिलाकर 20 रकाअत में ये दुआ 5 बार पढ़ी जाती है। इस दौरान कई मस्जिदों में बड़े पोस्टरों पर ये दुआ लिखकर सामने वाली दीवार पर चिपका दी जाती है। ताकि नमाजियों को याद करने में आसानी रहे। तरावीह की दुआ में जहन्नम की आग से खुलासी और गुनाहों की माफी मांगी गई है। इसमें इलाही की बड़ाई बयान की गई है। ये दुआ सभी मुसलमानों तक जरूर पहुंचाएं।
India is known for handmade crafts. Our artisans make beautiful items with their hands, keeping…
In today’s time, everyone wants to do their own business. But the biggest problem is…
World Health Day : विश्व स्वास्थ्य दिवस हर साल 7 अप्रैल को मनाया जाता है…
टोंक। विगत तीन वर्षों से अपने शैक्षणिक नवाचारों से चर्चित राहोली के पीएमश्री राजकीय उच्च…
जयपुर। हाल ही में समाजवादी पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन के द्वारा दिए गए विवादित…
जयपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ऋषि गालव भाग द्वारा 30 मार्च, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा नववर्ष पर…