Ramayan Characters Politics: लोकसभा चुनावों में टिकट पाने के लिए नेता हर प्रकार का प्रयास कर रहे हैं जिसमें कुछ सफल भी साबित हुए है तो कुछ को मौका नहीं नहीं मिला है। लेकिन राजनीति के माध्यम से हर कोई अपना चेहरा चमकाना चाहता है और इस दौड़ में टीवी के कलाकर भी पीछे नहीं है। ऐसे में हम आपको रामायण और महाभारत के कलाकारों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने राजनीति में अपनी किस्मत अजमाई है।
1990 के दौर में पहली बार टीवी पर आए रामायण और महाभारत के किरदारों को आज भी लोग भगवान की तरह ही मानते है। उनका चेहरा दिखते ही उनको उस दौर की याद आती है। रामायण के किरदारों ने राजनीति में भी किस्मत अजाई और सभी ने बीजेपी से ही चुनावी मैदान में उतरे थे।
टीवी के ‘राम’ बनेंगे सांसद
टीवी के राम अरुण गोविल ने BJP का दामन थामा और उन्होंने BJP के मौजूदा सांसद राजेंद्र अग्रवाल की जगह टिकट दिया है। BJP ने गोविल को उत्तर प्रदेश के मेरठ लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस भी उन्हें चुनावी मैदान में उतारना चाहती थी, लेकिन अरुण इसके लिए तैयार नहीं हुए। अब बीजेपी ने उन्हें टिकट दिया है।
सीता और रावण भी पहुंचे संसद
रामायण के दो बड़े कलाकार सीता की भूमिका निभाने वाली दीपिका चिखलिया और रावण के किरदार वाले अरविंद त्रिवेदी गुजरात के चुनावी मैदान में उतरे। दोनों को BJP ने लोकसभा का टिकट दिया था। दीपिका चिखलिया को वडोदरा से चुनावी मैदान में उतारा गया था और चुनाव में जीत भी हासिल की। रामायण में रावण का किरदार निभाने वाले अरविंद त्रिवेदी साबरकांठा से जीत हासिल की थी।
हनुमान बने सांसद
दारा सिंह भी अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन रामायण में हनुमान का किरदार निभाने वाले दारा सिंह को आज भी लोग याद करते है। दारा सिंह को BJP ने 2003 में राज्यसभा भेजा था।
श्रीकृष्ण भी बने सांसद
श्रीकृष्ण का किरदार निभाने वाले नीतीश भारद्वाज भी BJP के टिकट से जमशेदपुर से चुनाव लड़ा था। उन्होंने जीत हासिल की थी।
द्रौपदी बनी सांसद
महाभारत में द्रौपदी की भूमिका निभाने वाली रूपा गांगुली राज्यसभा की मनोनीत सदस्य रह चुकी हैं। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में उन्हें जीत नहीं मिली।