Ramayan pdf in Arabic Download : माहे रमजान का मुबारक महीना चल रहा है। हिंदू भाईयों के चैत्र नवरात्रि शुरु होने को है। भारत में गंगा जमुनी तहजीब की यही खूबसूरती हमें बाकी मुल्कों से जुदा करती है। भारत में हिंदू धर्मग्रंथों की बात की जाए तो रामायाण और महाभारत में मुस्लिम बंधु भी काफी रूचि रखते हैं। जब कोराना काल में लॉकडाउन के दौरान रामानंद सागर की रामायण दूरदर्शन पर दुबारा दिखाई गई तो देश के मुसलमानों ने भी बढ़ चढ़कर रामायण को देखा। बात करें रामायण के मुस्लिम भाषाओं में अनुवाद की तो मर्यादा पुरुषोत्तम राम की जीवनगाथा अवधी व संस्कृत के अलावा कई भारतीय भाषाओं सहित अरबी उर्दू और फारसी में भी लिखी गई है। हम आपको बताएंगे कि रामायण का अरबी संस्करण (Ramayan pdf in Arabic Download) आप कहां पर पढ़ सकते हैं।
यह भी पढ़ें:‘बिस्मिल्लाह’ से होती है .. इस Ramayana की शुरुआत, भारत में इस Library में है संरक्षित
अरबी में लिखी गई रामायण का लोकार्पण कुछ महीने पहले ही जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2024 के दौरान हुआ था। अबू धाबी अथॉरिटी फॉर कल्चरल एंड हेरिटेज की साहित्यिक शाखा कलीमा द्वारा प्रकाशित यह अरबी रामायण लेबनान मूल के अरबी विद्वान वादी अल-बुस्तानी ने लगभग 65 साल पहले लिखी थी। बुस्तानी महात्मा गांधी के अंहिसा आंदोलन से प्रभावित हुए थे। भारत उनसे मुलाकात करने आए तो हिंदुस्तानी तहजीब का रंग देखकर कुछ दिनों के लिए यहीं रुक गए। इसी दौरान मौलाना अबुल कलाम आजाद की प्रेरणा से उन्होंने भारत में सर्वाधिक लोकप्रिय ग्रंथ रामायण का अरबी भाषा में अनुवाद करते हुए लेखन शुरू किया। भारत से जाने के बाद भी उन्होंने
अरबी रामायण लिखना जारी रखा और उत्तरी इस्त्रायल के हाइफा शहर में रहते हुए इस रामायण को मुकम्मल किताब की शक्ल दी।
बुस्तानी ने यह अरबी रामायण लिखकर डाक से भारत के शिक्षा मंत्री मौलाना आजाद के पास भिजवा दी। लेकिन उस दौरान देश की आजादी एवं बंटवारे की मुश्किलों में उलझे मौलाना आजाद अरबी रामायण का प्रकाशन नहीं करवा पाए। मौलाना आजाद के निधन के बाद उनके संपूर्ण लिटरेचर के साथ अरबी रामायण की पांडुलिपि भी जामिया मिलिया विश्वविद्यालय स्थित भारत अरब सांस्कृतिक केंद्र में जमा कर दी गई। बाद में इस पांडुलिपि का संपादन भारत अरब सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक प्रोफेसर जकीरुर्रहमान ने किया है, जिसे भारतीय सांस्कृतिकसंबंध परिषद के सहयोग से कुछ माह पहले ही प्रकाशित किया गया है। करीब 290 पेज की इस अरबी रामायण के आवरण पृष्ठ पर भगवान राम का धनुष एवं तीरों से भरे तरकश लिए हुए वीर योद्धा की मुद्रा में नजर आते हैं।
यह भी पढ़ें:Islam Facts in Hindi: इस्लाम में कितने पैगंबर हुए हैं, मुसलमान भी नहीं जानते, यहां पढ़ें सच्चाई
मुगल बादशाह अकबर ने भी भगवान राम के चरित्र को अरब देशों तक प्रसारित करने के लिए रामायण को अरबी जुबान में लिखवाया था। आज भी अरबी भाषा में हाथों से लिखी गई एक रामायण ग्वालियर में रखी हुई है। ग्वालियर के गंगादास जी की शाला स्थित मंदिर में यह अरबी की रामायण इस बात का सबूत है कि अकबर बादशाह मर्यादा पुरषोत्तम श्री राम से कितना प्रेम करता था। रमजान के पाकीजा महीने में मुस्लिम बंधु इस अरबी रामायण को पढ़कर हिंदू धर्म के बारे में मजीद मालूमात कर सकते हैं। यह इंटरनेट पर pdf में पढ़ सकते हैं।
CM Atishi News : अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के इस्तीफे के बाद आतिशी (Atishi )…
Aaj Ka Love Rashifal 23 September 2024: सनातन धर्म में राशिचक्र का विशेष महत्त्व माना…
Aaj Ka Itihas 23 September: इतिहास में हर दिन खास होता है। अगर देश-दुनिया के…
Top 10 Rajasthan News of 22 September 2024: राजस्थान की ताजा खबरों के लिए मोर्निंग…
Aaj Ka Gold Silver Price Jaipur 22 September 2024: दुनियाभर के बाजार में सोना-चांदी की…
Top 10 Big News of 22 September 2024: देश- दुनिया की ताजा खबरों के लिए…