Ramzan me Wazifa : रोजे का टाइम चल रहा है। दिन में 13 घंटे भूखे प्यासे रहने के बाद मुस्लिम बंधुओँ की शाम के वक्त हालत टाइट हो जाती है। हम आपको रोजे में प्यास की शिद्दत से बचने का वजीफा (Ramzan me Wazifa) बता रहे हैं। इस वजीफे को करने के बाद आपको रोजे की हालत में प्यास महसूस नहीं होगी। साथ ही आप पूरा दिन तरोताजा फील करेंगे। आज भारत में उन्नीसवां रोजा 30 मार्च 2024 को रखा गया है। कल से तीसरा अशरा शुरु होने को है। इसमें पाकीजा रात शबे कद्र आएगी जो कि हजार महीने से बेहतर रात है। साथ ही कल शाम से ही मुसलमान एतिकाफ में बैठेंगे। वजीफे को करने के लिए सेहरी के बाद फज्र की नमाज का वक्त बेहद सही रहेगा। वजीफा करते समय दिल में नीयत रखे कि अल्लाह आपके दिल में सुकून पहुंचा रहे हैं।
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प्यास की शिद्दत से बचने का वजीफा
(Ramzan me Wazifa)
ये वजीफा आपको सेहरी के बाद फज्र की नमाज पढ़ने के बाद करना है। इसमें अव्वल आखिर तीन बार दुरूद शरीफ के बाद एक बार सूरह कौसर पढ़नी है। हाथों पर दम करके चेहरे पर और गले पर अच्छे से फेर लेना है। इसके बाद पूरा दिन आपको प्यास नहीं लगेगी। क्योंकि इस आयत की बरकत से अल्लाह तआला आपको रोजे में आसानी फरमा देंगे। साथ ही आपको भूख का भी एहसास नहीं होगा। अगर आपको बड़ा दुरूद शरीफ याद न हो तो सबसे छोटा दरूदे पाक हुजूर का नाम यानी “सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम” पढ़ सकते हैं। वैसे दुरूदे इब्राहिमी पढ़ने का ज्यादा सवाब होता है। इससे वजीफा या दुआ आसमान में लटकती नहीं है बल्कि फौरन अर्श पर पहुंच जाती हैं।
सूरह कौसर हिंदी में
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
इन्ना आयत ना कल कौसर, फसल्ली लिरब्बिका वन हर, इन्ना शानियाका हुवल अब्तर
सूरह कौसर का हिंदी तर्जुमा
अलाह के नाम से शुरू जो निहायत मेहरबान हमेशा रहमत फरमाने वाला है
बेशक हमने आपको हर कैरो फजीलत में बे इन्तहा कशरत बख्शी है
बस आप अपने रब के लिए नमाज पढ़ा करे और कुर्बानी दिया करे
बेशक आपका दुश्मन ही बे नश्ल और बे नाम व निशा होगा
Surah Kausar English Translation
Innaa a’taina kal kauthar Fa salli li rabbika wanhar Inna shani-aka huwal abtar
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सूरह कौसर क्या है?
सूरह कौसर कुरान मजीद की 108वीं सूरत है। इसमें सिर्फ 3 आयते हैं। तीसवे पारे की ये सूरत कुरान की सबसे छोटी सूरत है। कौसर का मतलब बहुत सी भलाईयां होता है। आपको बता दे कि हौजे कौसर जन्नत के अंदर एक पाकीजा नहर का नाम है। इसी वजह से ये सूरह प्यास से काफी राहत पहुंचाने वाली है। कयामत के दिन नबी ए पाक सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम अपने हाथों से उम्मत के नेक लोगों को जामे कौसर पिलाएंगे।