मध्य प्रदेश के सतना में मासूम दलित बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात ने सभी को झकझोर कर दिया है। खबरों के मुताबिक मां शारदा देवी मंदिर प्रबंध समिति के कर्मचारियों ने इस बर्बरता की घटना को अंजाम दिया। हैवानियत का शिकार हुई पीड़िता अभी भी अस्पताल में जिंदगी और मौत से लड़ रही है। यह घटना गुरुवार की बताई जा रही है।
निर्भया कांड जैसी वारदात
एमपी के सतना में 10 साल की मासूम के साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया गया। यह दिल्ली के निर्भया कांड जैसा ही प्रतीत होता है। पीड़िता के शरीर पर काटने के निशान भी है। पीड़िता आईसीयू में भर्ती है। 5 डॉक्टर्स की टीम उसका इलाज कर रही है। वहीं बच्ची के दादा का कहना है कि अगर उन दरिंदों को फांसी नहीं दी गई तो खुद गला काट लेंगे।
आरोपियों के घर चला बुलडोजर
पुलिस ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के मुताबिक दोनों आरोपी मंदिर प्रबंधन समिति में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी है। ये दोनों बच्ची को गुरुवार को बहला-फुसलाकर मां शारदा मंदिर के पास पहाड़ियों पर ले गए। वहीं पर सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। शुक्रवार को इन्हें अदालत में पेश किया गया था, जहां से दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने इन दोनों गैंगरेप के आरोपियों के घर को बुलडोजर से ढहा दिया है।
परिवार की आर्थिक मदद
नाबालिग पीड़िता के परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए कलेक्टर अनुराग वर्मा ने 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता राशि प्रदान करने का आदेश दिया है। वहीं स्थानीय लोगों की मांग है कि पीड़ित परिवार को 1 करोड़ रुपये बतौर मुवाअजा दिया जाए।