जयपुर। RSS Dattatreya Hosabale sarkaryavah : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में सरकार्यवाह पद (2024-2027) के लिए दत्तात्रेय होसबाले को पुनः निर्वाचित किया गया है। वे 2021 से सरकार्यवाह दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। वो वर्ष 2024 से 2027 तक इस पद पर कार्यरत रहेंगे। होसबाले 2021 से सरकार्यवाह की जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं। RSS की नागरपुर में चल रही प्रतिनिधि सभा में 17 मार्च को इसका ऐलान किया गया है। संघ की प्रतिनिधि सभा ने सर्वसम्मति से एकबार फिर अगले 3 साल के लिए दत्तात्रेय को सरकार्यवाह चुना है। उन्होंने साल 2021 से भैयाजी जोशी से सरकार्यवाह की जिम्मेदारी संभाली थी।
दत्तात्रेय होसबाले कर्नाटक के शिमोगा के निवासी हैं। उनका जन्म 1 दिसंबर, 1955 को हुआ था और वो मात्र 13 साल की उम्र में वर्ष 1968 में RSS से जुड़ गए थे। इसके बाद वो साल 1972 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् से भी जुड़े। उन्होंने बैंगलोर यूनिवर्सिटी से अंग्रेसी से स्नातकोत्तर किया। दत्तात्रेय एबीवीपी कर्नाटक के प्रदेश संगठन मंत्री रहे। इसके बाद ABVP के राष्ट्रीय मंत्री और सह संगठन मंत्री रहे। लगभग 2 दशकों तक एबीवीपी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री रहे। इसके बाद लगभग 2002-03 में संघ के अखिल भारतीय सह बौद्धिक प्रमुख बनाए गए। वो वर्ष 2009 से सह सरकार्यवाह थे। दत्तात्रेय होसबाले को मातृभाषा कन्नड़ के अलावा अंग्रेजी, तामिल, मराठी, हिंदी व संस्कृत सहित अनेक भाषाओं का ज्ञान है।
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दत्तात्रेय होसबाले साल 1975-77 के जेपी आंदोलन में भी एक्टिव थे और लगभग पौने दो साल तक ‘मीसा’ के अंतर्गत जेल में बंद रहे। होसबोले ने जेल में 2 हस्तलिखित पत्रिकाओं का संपादन भी किया जिसमें से एक एक कन्नड़ भाषा की मासिक पत्रिका असीमा थी।
आपको बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में प्रत्येक 3 वर्षों पर चुनाव की प्रक्रिया होती है जिसके बाद जिला संघचालक, विभाग संघचालक, प्रांत संघचालक, क्षेत्र संघचालक के साथ साथ ही सरकार्यवाह का चुनाव होता है। इसके बाद ये सभी लोग अपनी टीम की घोषणा करते हैं, जो अगले 3 वर्षों तक काम करती है। हालांकि, आवश्यकतानुसार बीच में भी कुछ पदों पर बदलाव किया जा सकता है। प्रतिनिधि सभा की बैठक में ही क्षेत्र प्रचारक और प्रांत प्रचारकों के दायित्व में बदलाव भी होते है। प्रतिनिधि सभा संघ में निर्णय लेने वाला विभाग है।
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RSS में सरसंघचालक के बाद सरकार्यवाह का पद सबसे महत्वपूर्ण होता है। आरएसएस विश्व का दूसरा सबसे बड़ा संगठन है जिसके दूसरे प्रमुख पद के लिए जब चुनाव होता है, तो कोई तामझाम नहीं होता और ना ही कोई दिखावा होता है। आरएसएस चुनाव की प्रक्रिया में पूरी केंद्रीय कार्यकारिणी, क्षेत्र व प्रांत के संघचालक, कार्यवाह व प्रचारक और संघ की प्रतिज्ञा किए हुए सक्रिय स्वयंसेवकों की ओर से चुने गए प्रतिनिधि शामिल होते हैं।
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आपको बता दें कि दत्तात्रेय होसबाले से पहले सुरेश भैयाजी जोशी सरकार्यवाह थे। उन्होंने 2018 के चुनाव में सरकार्यवाह के दायित्व से मुक्त करने का आग्रह किया था हालांकि, संघ ने उनके नेतृत्व को देखते हुए उन्हें दोबारा यह दायित्व सौंप दिया था।
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