जयपुर। RSS ने भारत में मोदी सरकार 3.0 बनते ही बड़ा दांव खेलते हुए उसें बड़ी नसीहत दी है जिसमें मानना उसके लिए मजबूरी है। क्योंकि ऐसा नहीं करने पर BJP को RSS की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है जिसका खामियाजा काफी बड़ा हो सकता है। दरअसल, आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर मोदी सरकार 3.0 को बड़ी नसीहत दी है। नागपुर से दिल्ली को दिए गए इस कड़े संदेश में बहुत कुछ छुपा है जो मोदी सरकार को समझकर उस पर गहराई से काम करना होगा।
मणिपुर पर करना होगा प्राथमिकता से विचार
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने नरेंद्र मोदी की नई सरकार को मणिपुर को लेकर कड़ी नसीहत दी है। एक ओर सोमवार को जहां केंद्रीय मंत्रिमंडल में विभागों का बंटवारा हो रहा था, वहीं दूसरी तरफ संघ प्रमुख मोहन भागवत सीधे सरकार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने मणिपुर में 1 साल बाद भी शांति स्थापित नहीं होने पर गहरी चिंता जाहिर की और मोदी सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि संघर्ष से ग्रसित इस राज्य पर प्राथमिकता के साथ विचार किया जाए।
मणिपुर में एक साल से भड़क रही हिंसा
RSS सरसंघचालक Mohan Bhagwat मोहन भागवत ने कहा कि विभिन्न स्थानों और समाज में संघर्ष ठीक नहीं। उन्होंने चुनावी बयानबाजी से इतर देश के सामने मौजूद समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया देते हुए कहा कि मणिपुर पिछले 1 वर्ष से शांति की प्रतीक्षा कर रहा है। आज से 10 दस साल पहले मणिपुर शांत था जहां बंदूक संस्कृति खत्म हो गई थी लेकिन अचानक से राज्य से अचानक हिंसा बढ़ गई।
मणिपुर में हिंसा भड़की या भड़काई गई
भागवत ने यह भी कहा कि मणिपुर की स्थिति (Manipur Violence) पर प्राथमिकता के साथ विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अशांति या तो भड़की या भड़काई गई है जिससें मणिपुर जल रहा है और लोग इसकी तपिश का सामना कर रहे हैं। गौरतलब है कि 2023 मई में मणिपुर में मेइती और कुकी समुदायों के बीच हिंसा भड़की थी जब से लेकर अब तक करीब 200 लोग मारे जा चुके हैं। वहीं, बड़े पैमाने पर आगजनी की वजह से हजारों लोग विस्थापित हुए हैं।
RSS को बिना कारण घसीटा जा रहा
भागवत ने अफसोस जताते हुए कहा कि इस मामले में RSS को भी बिना किसी वजह से घसीटा जा रहा है। उन्होंने कहा कि चुनाव में हमेशा दो पक्ष होते हैं, लेकिन जीतने के लिए झूठ का सहारा नहीं लिया लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी (परोक्ष तौर पर डीपफेक आदि की ओर इशारा करते हुए) का यूज करके झूठ फैलाया गया।
भारत की विविधता को स्वीकार करें
RSS चीफ ने कहा कि हमें अतीत को भूलकर सभी को अपना मानना चाहिए। उन्होंने कहा कि ‘भारतीय समाज विविधतापूर्ण है, लेकिन सभी जानते हैं कि यह एक समाज है और वे इसकी विविधता को स्वीकार करते हैं। सबको एकसाथ होकर आगे बढ़ना चाहिए और एक-दूसरे की उपासना पद्धति का सम्मान करें। उन्होंने कहा कि हजारों वर्षों से जारी अन्याय की वजह से लोगों के बीच दूरियां बनी हैं। भागवत ने कहा कि आक्रमणकारी भारत आए जो अपने साथ अपनी विचारधारा लेकर आए। उन विचारधाराओं का कुछ लोगों ने अनुसरण किया, लेकिन यह अच्छी बात है कि देश की संस्कृति इस विचारधारा से प्रभावित नहीं हुई।
इस्लाम और ईसाई धर्मों की अच्छाई को अपनाएं
आरएसएस चीफ ने कहा कि इस्लाम और ईसाई जैसे धर्मों की अच्छाई और मानवता को अपनाना चाहिए। साथ ही सभी धर्मों के लोगों को एक-दूसरे को भाई-बहन के रूप में सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी को यह मानकर आगे बढ़ने की कोशिश करनी चाहिए कि यह देश हमारा है और इस भूमि पर जन्म लेने वाले सभी लोग हमारे अपने हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अतीत को भूल कर सभी को अपना मानना चाहिए। साथ ही जातिवाद को भी पूरी तरह से खत्म किया जाना चाहिए। उन्होंने आरएसएस पदाधिकारियों से समाज में सामाजिक सद्भाव को लेकर कार्य करने के लिए कहा है।
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