जयपुर। RSS ने चेतावनी दी है कि यूपी, बंगाल और असम समेत भारत के कई राज्यों में मुस्लिमों की आबादी तेजी से बढ़ रही है। इसको लेकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के मुखपत्र ऑर्गेनाइजर वीकली ने लिखा है कि भारत के सीमावर्ती राज्यों के इलाकों में मुस्लिमों की आबादी तेजी बढ़ रही है। इस वजह से अब एक व्यापक राष्ट्रीय जनसंख्या नियंत्रण नीति लाने की आवश्यकता है। इसके संपादकीय में लिखा गया है कि पश्चिम बंगाल, बिहार, असम और उत्तराखंड जैसे सीमावर्ती राज्यों में सीमाओं पर अवैध विस्थापन की वजह से अप्राकृतिक तरीके से मुस्लिमों की आबादी बढ़ रही है।
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले आई एक रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ था। इसके अनुसार भारत में 1950 से 2015 के बीच हिंदुओं की जनसंख्या 7.82 प्रतिशत घट गई। जबकि, इसी अवधि में मुसलमानों की जनसंख्या 43.15 प्रतिशत बढ़ गई। भारत ही नहीं बल्कि पड़ोसी देश नेपाल में भी हिंदुओं आबादी घटी है। इतना ही नहीं बल्कि म्यांमार में भी बौद्धों की जनसंख्या में गिरावट आई है। यह रिपोर्ट प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने 167 देशों में 1950 से 2015 के बीच जनसांख्यिकी बदलाव के अध्ययन करके दी है। इन सभी देशों में बहुसंख्यक उन लोगों को माना गया है जिसकी जनसंख्या 75 प्रतिशत से अधिक है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के 167 देशों में पिछले 65 सालों में बहुसंख्यकों की जनसंख्या में 22 प्रतिशत तक की कमी आई है। हालांकि, यह मामला मुस्लिम बहुसंख्यक देशों में लागू नहीं होता। क्योंकि, मुस्लिम बहुल 38 देशों में मुस्लिमों की जनसंख्या बढ़ी है।
साल 2022 में गृह मंत्रालय को भेजी गई यूपी और असम पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश और असम में अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास के इलाकों में मुस्लिमों की जनसंख्या बढ़ती जा रही है। उत्तर प्रदेश के नेपाल सीमा से लगे पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, महराजगंज, बलरामपुर और बहराइच समेत 7 जिलों में पिछले 10 सालों में मुस्लिमों की आबादी 32% तक बढ़ गई है।
उत्तर प्रदेश और असम पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक इन राज्यों के बॉर्डर एरिया वाले जिलों में मुस्लिमों की आबादी 2011 की तुलना में 32% तक बढ़ गई है। जबकि, पूरे देश में यह बदलाव 10% से 15% के बीच हुआ है। इसका मतलब मुस्लिमों जनसंख्या सामान्य से 20% अधिक बढ़ी है।
यूपी व असम पुलिस की इन रिपोर्ट्स में यह भी बताया गया है कि आबादी में यह बदलाव राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए संवेदनशील है। इस वजह से सीमा सुरक्षा बल यानी BSF के अधिकार क्षेत्र का दायरा 50 किलोमीटर से बढ़ाकर 100 किलोमीटर किया जाए ताकि उसके द्वारा इन इलाकों की जांच और तलाशी अभियान तेजी से कर सके।
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