जयपुर। RSS यानि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) की स्थापना 27 सितंबर 1925 को महाराष्ट्र के नागपुर में की गई थी। ऐसे में अब संघ सन् 2025 में अपने 100 वर्ष पूरे करने जा रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपना शताब्दी वर्ष बड़े धूम—धाम से मनाने की ओर अग्रसर है जिसके लिए तैयारियां जोरों से चल रही है। इस मौके पर संघ अपने स्वयंसेवकों (RSS Swayamsevak) की संख्या बढ़ाने समेत उनके प्रशिक्षण में सुधार के लिए भरसक प्रयास कर रहा है जिसकी वजह से शाखाओं, नगरों, जिलों, भाग, प्रांत व राष्ट्रीय स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं। हालांकि, इस समय संघ से जुड़ने के लिए हर कोई लालायत है और इसके बारे में जानने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में आइए संघ से जुड़े 10 प्रमुख सवालों (RSS Related Question Answer) के बारे में जानते हैं जिनके बारे में हर कोई जानना चाहता है, और जिनके जवाब मिलने पर कोई भी व्यक्ति स्वयंसेवक बन सकता है।
RSS का पूरा नाम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ है जिसकी स्थापना 27 सितंबर 1925 को अपना पूरा जीवन राष्ट्र की सेवा में समर्पित करने वाले स्वतंत्रा सेनानी डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने की थी। उन्होंने महाराष्ट्र के नागपुर में 1925 में संघ प्रारंभ किया था जो आज अनवरत रूप से चल रहा है।
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कोई भी हिंदू पुरूष संघ का सदस्य बन सकता है। आपको बता दें कि संघ में हिन्दू शब्द का प्रयोग उपासना, पंथ, धर्म के नाते नहीं किया गया है। इसी वजह से RSS यानि संघ एक धार्मिक संगठन नहीं है। संघ के हिन्दू की एक जीवन दृष्टि है जिसका मतलब एक View of Life है और एक Way of Life है। संघ में इसी अर्थ में हिंदू शब्द का प्रयोग किया गया है। आपको बता दें कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने भी एक महत्त्वपूर्ण निर्णय में संघ को लेकर कहा है कि Hinduism Is Not A Religion But A Way Of Life. उदाहरणार्थ सत्य एक है जिसको पुकारने के अनेक नाम हो सकते हैं। सत्य को प्राप्त करने के मार्ग भी अनेक हो सकते हैं। वो सभी समान है यही मानना भारत की जीवन दृष्टि है। हिन्दू एक जीवन दृष्टि है जो एक ही चैतन्य अनेक रूपों में अभिव्यक्त हुआ है। इस वजह से सभी में एक ही चैतन्य विद्यमान है इसलिए विविधता में एकता है जो यह भारत की जीवन दृष्टि है। हिन्दू एक जीवन दृष्टि है जिसको मानने वाला, भारत के इतिहास को अपना मानने वाला, यहाँ जो जीवन मूल्य विकसित हुए हैं को अपने आचरण से समाज में प्रतिष्ठित करने वाला और इन जीवन मूल्यों की रक्षा हेतु त्याग और बलिदान करने वाले को अपना आदर्श मानने वाला प्रत्येक व्यक्ति हिन्दू है। चाहे उसका धर्म या मजहब या उपासना पंथ कुछ भी हो।
जी हां, भारत में रहने वाला कोई मुस्लिम या ईसाई भारत के बाहर से नहीं आया है, वो सब इसी देश के हैं। भारतवासियों के पुरखे एक ही है। किसी कारण विशेष की वजह से मजहब बदलने से जीवन दृष्टि नहीं बदलती। इसी वजह से उन सभी की जीवन दृष्टि भारत की यानि हिन्दू की ही है इस वजह से वो संघ से जुड़ सकते हैं। इतना ही नहीं बल्कि वो लोग आ रहे हैं और स्वयं की जिम्मेदारी लेकर काम भी कर रहे हैं। संघ में मुस्लिमों और ईसाइयों के साथ मजहब के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाता। सभी के साथ हिन्दू इस नाते वो सभी कार्यक्रमों में सहभागीता देते हैं।
RSS यानि संघ की सदस्यता लेने की कोई औपचारिक प्रक्रिया नहीं है। कोई भी व्यक्ति अपने पास लगने वाली संघ की शाखा में जाकर संघ में शामिल हो सकता है। संघ के सदस्य को स्वयंसेवक कहा जाता है जिसके लिए कोई भी शुल्क या रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया नहीं है।
RSS अथवा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में शारीरिक कार्यक्रमों द्वारा एकता और सामूहिकता का संचार किया जाता है जिसके कारण गणवेष अथवा ड्रेस को उपयुक्त होता है। हालांकि, गणवेष विशेष कार्यक्रमों में ही पहनी जाती है। संघ की नित्य शाखा लगाने के लिए यह अनिवार्य नहीं है। गणवेष की उपयुक्तता समझने के बाद प्रत्येक स्वयंसेवक स्वयं के खर्चे से गणवेष की पूर्ति करता है।
संघ की शाखा में निक्कर पहनना आदेश या आग्रह का नहीं बल्कि सुविधा का विषय है। शाखा में रोज शारीरिक कार्यक्रम होते हैं जिन्हें करने के लिए निक्कर यह सुविधाजनक और संभव वेष है।
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RSS के किसी निश्चित भौगोलिक क्षेत्र के स्वयंसेवकों के 1 घण्टे के प्रतिदिन मिलन को शाखा कहा जाता है।
RSS संघ की प्रतिदिन की 1 घण्टे की शाखा में विविध प्रकार के शारीरिक व्यायाम, खेल, देशभक्ति गीत, विविध राष्ट्र हित विषयों पर चर्चा तथा भाषण और मातृभूमि की प्रार्थना किए जाते हैं।
RSS संघ की भारत में 50000 शाखाएं हैं।
संघ की शाखाओं में औपचारिक सभासदत्व नहीं होने की वजह से कुल स्वयंसेवकों की संख्या बताना कठिन है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के 2025 में 100 वर्ष पूर्ण (RSS 100 Years Complete) होने जा रहे हैं। ऐसे में इस अवसर पर Morning News India ‘संघ सीरीज’ चला रहा है। इस सीरीज में संघ से जुड़ी हर तरह की खबर पढ़ने व देखने के लिए कवर की जा रही है। ऐसे में आप भी नीचे दिए गए वीडियो पर क्लिक करके पेज को लाइक, शेयर और सब्सक्राइब कर लें ताकि कोई नया अपडेट आते ही आपके पास तुरंत मैसेज पहुंच जाए।
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