जयपुर। इस समय राजस्थान कांग्रेस में जबरदस्त उथल—पुथल मची हुई है। क्योंकि यहां पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच जंग चल रही है। इसी बीच भाजपा ने भी अपनी खतरनाक चाल चल दी है। इसके तहत भाजपा बीकानेर से सांसद मेघवाल को केंद्रिय कानून मंत्री बनाने का ऐलान कर दिया है। वहीं, कांग्रेस नेता सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच 'जुबानी जंग' चल रही है। वहीं, इसी बीच मुख्यमंत्री के सलाहकार और सिरोही के निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने गुरुवार को सचिन पायलट पर जमकर हमला बोला।
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सर्वोच्च संवैधानिक पद को लेकर किया कमेंट
विधायक संयम लोढ़ा ने सचिन पायलट पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब पायलट को उप मुख्यमंत्री बनाया गया था, तब भी वो रूठ गए थे। उन्होंने कहा कि विधानसभा में एक पीतल का गेट है। उस गेट से सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन लोग आते हैं। उस गेट से जाने के लिए पहले सचिन पायलट रूठ गए। फिर सचिवालय की बात आई तो जिद्द पकड़ कर बैठ गए कि मुख्यमंत्री कार्यालय में ही मेरा ऑफिस होगा। वो हो नहीं सकता था तो फिर रूठ गए। फिर उपमुख्यमंत्री से हट गए तो जो सरकारी बंगला मिला, वो अब तक खाली नहीं किया। उपमुख्यमंत्री के पद से हटने के बाद सीनियरटी नहीं होने के बाद भी आगे की सीट ली।
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पायलट वसुंधरा की पोल खोल रहे
संयम लोढ़ा ने कहा कि वसुंधरा राजे के शासन काल के भ्रष्टाचार के जिन मुद्दों का जिक्र पायलट कर रहे है, उन्हें मैंने पूरे 5 साल उठाया। तब वो हमारे साथ खड़े नहीं हुए। पेपर लीक के मामले में भी हमारे साथ खड़े नहीं रहे। अब 'नाखून कटवा' कर सचिन पायलट शहीद बनना चाहते हैं। यह राजस्थान की जनता है। सब जानती है। चुनावी वर्ष में सब याद क्यों आता है। पायलट को पिछली सरकारों के घोटालों की याद क्यों आ रही है, सब अच्छी तरह जानते हैं।
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सचिन पायलट को दी नसीहत
संयम लोढ़ा ने सचिन पायलट को नसीहत देते हुए कहा कि पायलट खुद को हंसी का पात्र ना बनाएं, जिस पार्टी में हो, उस पार्टी के अनुशासन और मर्यादा में काम करें। पायलट बार-बार ये जरूर कहते हैं कि हम लड़े, हमें जनता ने खड़ा किया और हमें खड़ा किया तो हम जीत गए। उनकी बातों को समाज गंभीरता से नहीं लेता है। और जो पायलट के साथ दिख रहे हैं, ये सब प्रायोजित है।