मोदी सरनेम में राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। शुक्रवार को हुई सुनवाई में राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी गई। चोरों का सरनेम मोदी कहना राहुल गांधी को भारी पड़ा था कि राहुल की सदस्यता ही चली गई। सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर रोक लगाते हुए कहा कि राहुल गांधी को आगे ध्यान रखना होगा। उन्हें भाषण देते समय सावधानी बरतनी चाहिए थी।
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में 3 घंटे बहस चली। इस दौरान राहुल गांधी के वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलीलें दीं। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी का असली सरनेम मोदी नहीं है। उन्होंने बाद में सरनेम बदला है। जस्टिस बीआर गवई, पीएस नरसिम्हा और संजय कुमार की बेंच ने राहुल गांधी के केस में यह फैसला सुनाया।
इसके साथ सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह इतना बड़ा अपराध भी नहीं था कि 2 साल की सजा दी जाए। उन्हें कम सजा भी दी जा सकती थी ताकि उनकी सदस्यता बनी रहती। अधिकतम सजा क्यों दी गई। उन्हें 1 साल 11 महीने की सजा भी दी जा सकती थी।
क्यों हुआ राहुल का यह हाल
2019 में लोकसभा चुनाव से पहले एक रैली का आयोजन किया गया था। यह रैली कर्नाटक के कोलार में आयोजित की गई थी। यहां राहुल ने कहा था कि चोरों का सरनेम मोदी है। यही नहीं उन्होंने कहा था कि हर मोदी सरनेम वाला ही चोर क्यों होता है। फिर चाहे वो नीरव मोदी हो या ललित मोदी या फिर नरेंद्र मोदी। बस यही वो शब्द थे जो राहुल के लिए आत्मघाती साबित हुए हैं। यही नहीं राहुल पर अभी चार मानहानि के केस और भी चल रहे हैं।
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