Shab-e-Barat Ki Namaz: मुसलमानों के लिए गुनाहों से बरी करने वाली पाक रात 25 फरवरी को आ रही है। जी हां, शाबान के महीने में 14वी रात को मनाई जाने वाली मुक़द्दस रात शब-ए-बारात को लेकर कुछ अहम बातें हम आपको बताने वाले हैं। इस रात को कर्मों का लेखा जोखा रब की बारगाह में पेश किया जाता है। साथ ही तौबा करने वालों को माफ किया जाता है। हम आपको बता रहे हैं कि Shab-e-Barat में ऐसी क्या दुआ और नमाज़ (Shab-e-Barat Ki Namaz) पढ़े कि सब गुनाह माफ हो सके।
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Shab-e-Barat Ki Namaz
Shab-e-Barat की पाकीज़ा रात में सलातुल तस्बीह की नमाज़ पढ़ने का हुक्म है। हदीस में कहा गया है कि आपको Salatul Tasbeeh हर दिन पढ़नी चाहिए या कम से कम साल में एक बार या फिर जिंदगी में एक बार तो जरूर पढ़नी चाहिए। ये नमाज हर तरह के गुनाहों से पाक कर देती है। सलातुल तस्बीह की नमाज (Shab-e-Barat Ki Namaz) पढ़ने से गुनाह ए कबीरा व गुनाह शगीरा जैसे गुनाहों की माफी भी हो जाती है। मुसलमानों को Shab-e-Barat की रात में सलातुल तस्बीह की नमाज़ जरूर पढ़नी चाहिए।
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इबादत की रात है
शब-ए-बारात पर रातभर जागकर इबादत करनी चाहिए। ताकि गुनाहों की माफी हो सके। मुस्लिम बंधु हलवा और मिठाइयां बनाकर गरीबों को खिलाते हैं। पुरखों की कब्र पर जाकर उनकी मगफिरत की दुआ करते हैं। शब-ए-बारात पर रोजा भी रखा जाता है। इस रात मस्जिदों को रौशनी से सजाया जाता है। रात में मुस्लिम समाज (Shab-e-Barat Ki Namaz) के लोग ‘ईशा की नमाज’ के साथ अल्लाह के सामने पूरी रात रोकर अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं।