Shabe Barat:मुस्लिम बंधु इस समय शबे बारात की तैयारी में जुटे हैं। भारत में 25 फरवरी के दिन Shabe Barat का त्योहार मनाया जाएगा। शाबान के महीने की 14वी रात को ये Shabe Barat का पाकीजा पर्व मनाया जाता है। इसमें दिन में मुस्लिम भाई हलवा और मीठे पकवान बनाकर फातिहा नियाज लगाकर मिस्कीनों और बच्चों को खिलाते हैं। वही रात में इबादत करके इलाही की बारगाह में गुनाहों की माफी मांगते हैं। कहा जाता है कि इस रात में जिंदगी और मौत का फैसला कर दिया जाता है। तो चलिए जानते हैं कि Shabe Barat में मुसलमानों की मौत का फैसला कैसे किया जाता है।
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Shabe Barat में तय होती है मौत!
Shabe Barat की रात में ईमान वाले के सब आमालों यानी कर्मों का लेखा जोखा रब के दरबार में फरिश्तों द्वारा पेश किया जाता है। इसी रात में यह तय कर दिया जाता है कि साल भर में किसकी मौत कहां होगी, किस हाल में होगी, कैसे होगी। साथ ही Shabe Barat में तकदीर भी लिख दी जाती है। यानी सालभर मुसलमान के साथ क्या होगा ये शबे बारात में तय किया जाता है।
शबे बारात में तकदीर कैसे जगाये?
शब-ए-बारात की रात में नमाज और कुरआन शरीफ की तिलावत करके तथा रो रोकर अल्लाह तआला से अपने गुनाहों की माफी तलब करके आप अपनी किस्मत चमका सकते हैं। Shabe Barat की रात में कबीरा सगीरा सभी गुनाहों की माफ़ी होती है। बंदे की तकदीर का फैसला भी इसी रात में कर दिया जाता है। इस रात में सलातुल तस्बीह पढ़नी चाहिए और अल्लाह से गिड़गिड़ा कर अपने पापों की माफी मांगनी चाहिए। सच्ची तौबा के साथ आंसू का एक कतरा खुदा को खुश करने के लिए काफी है।
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Shabe Barat में क्या फैसले होते हैं?
Shabe Barat में रातभर इबादत के साथ ही बुजुर्गों की मगफिरत की दुआ की जाती है। मस्जिदों और क़ब्रिस्तानों में रौशनी करके वहां पर साफ सफाई की जाती है। इस साल कौन पैदा होगा, किसकी मौत कहां होगी, किसको रिज्क कहा से कितना मिलेगा, ये सब Shabe Barat में लिख दिया जाता है। तो मुसलमानों के लिए ये सुनहरा अवसर है अपने रूठे रब को मनाने और तकदीर सवांरने का। इसके बाद ही रमजान का महीना भी आ रहा है। भारत में रमजान 11 या 12 मार्च 2024 से शुरु होने की संभावना है।