अजित पवार के एनसीपी का साथ छोड़कर शिंदे सरकार में मंत्री पद की शपथ लेने पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार को झटका लगा है। एक साथ 8 मंत्रियों के महाराष्ट्र सरकार में शपथ लेने पर राज्य की सियासत में भूचाल आया हुआ है। पार्टी में हुई इस बगावत के बाद शरद पवार ने 5 जुलाई को पार्टी के नेताओं और पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में नेताओं को शरद गुट के प्रति वफादारी दिखानी होगी।
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क्या लिखा है शपथ पत्र में
5 जुलाई की बैठक में शामिल होने वाले नेताओं और पदाधिकारियों को अपने साथ पार्टी की वफादारी का एफिडेविट भी साथ में लेकर आना होगा। शरद पवार ने गुट से जुड़े लोगों से वफादारी का शपथ पत्र भरने को कहा है। इस शपथ पत्र में कहा गया है कि मैं एनसीपी का सदस्य हूं और जिले में एनपीसी का पद संभाल रहा हूं। तब से उपरोक्त पद पर हूं। इसके साथ ही एनपीसी के संविधान के प्रति पूर्ण आस्था रखने की भी बात कही है और शरदचंद्र पवार के आदर्शों और सिद्धांतों के प्रति बिना शर्त के निष्ठा बनाते हुए शरद पवार के नेतृत्व का समर्थन करने की बात भी शपथ पत्र में शामिल है।
एनसीपी से बाहर हुए शपथ लेने वाले विधायक
अजित पवार सहित पार्टी से बगावत करने वाले प्रफुल्ल पटेल और सुनिल तटकरे को शरद पवार ने NCP से हटा दिया है। सांसद सुप्रिया सुले ने दोनों के खिलाफ एक्शन लेने के लिए आज ही शरद पवार को चिट्ठी लिखी थी। वहीं जयंत पाटिल ने राखी जाधव को पार्टी का नया अध्यक्ष बनाया है।
NCP ने अजित पवार सहित 8 विधायकों को डिस्क्वॉलिफाई करने की उठाई मांग
बता दें कि राकांपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले अजित पवार और मंत्री पद की शपथ लेने वाले आठ अन्य विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की है। यह याचिका विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को भेज दी गई है। साथ ही चुनाव आयोग को पत्र लिखा है।