शिवसेना ने 19 जून को अपना स्थापना दिवस मनाया। वहीं आज पार्टी को टूटे हुए पूरा 1 साल हो गया है। 20 जून को शिवसेना के टुकड़े होकर शिंदे गुट और ठाकरे गुट में बंट गया था। एकनाथ शिंदे और पार्टी के अन्य विधायकों ने बालासाहेब ठाकरे की सेना से बगावत की थी। इस तरह तत्कालीन महाराष्ट्र सीएम उद्धव ठाकरे को पद छोड़ना पड़ा था। बाद में शिंदे गुट ने भाजपा का दामन थाम लिया और राज्य में एकनाथ शिंदे सीएम बने।
20 जून को गद्दार दिवस घोषित करने की मांग
उद्धव ठाकरे ने पार्टी टूटने के 1 साल होने पर 20 जून को गद्दार दिवस घोषित करने की मांग की है। इससे पहले 18 जून को आदित्य ठाकरे ने भी शिवसेना की महाराष्ट्र-स्तरीय बैठक में गद्दार दिवस को लेकर बात की थी। इस बैठक में आदित्य ने कहा कि 18 जून को फादर्स डे है लेकिन कुछ लोग दूसरों के पिता को ही चुरा लेते हैं। ऐसे लोग गद्दार होते हैं। 19 जून को पार्टी के स्थापना दिवस कार्यक्रम के दौरान ठाकरे ने कहा कि आप बाला साहेब ठाकरे का फोटो चुरा सकते हैं लेकिन लोगों के दिल से नहीं। आप फसल तो ले गए लेकिन खेत हमारे पास है।
हस्ताक्षर अभियान चलाकर लेंगे लोगों की सहमति
वहीं संजय राउत ने भी इस मांग को समर्थन देने के लिए कहा कि हम महाराष्ट्र में हस्ताक्षर अभियान चलाएंगे और उन साइन किए लेटर को संयुक्त राष्ट्र संघ (UN) को भेजेंगे। राउत ने कहा- दुनिया में देशद्रोह की कई घटनाएं हुई हैं और महाराष्ट्र की जनता ने पिछले साल ऐसी ही एक घटना को देखा है। इन दोनों गुट के अलावा NCP ने भी कहा था कि 20 जून को देशद्रोही दिवस मनाएंगे।
बता दें कि पिछले साल शिवसेना दो गुटों में बंट गई थी। शिंदे और पार्टी के 39 अन्य विधायकों ने महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत करने से पार्टी के दो हिस्से हुए थे। इसके बाद शिंदे ने इसके बाद भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाई और पार्टी का नाम एवं निशान ‘तीर-धनुष' दिया। वहीं ठाकरे गुट का नाम शिवसेना (उद्धव बालासाहब ठाकरे) रखा गया था।