Categories: भारत

नीतीश कुमार के जातिगत निर्णय बह गए यमुना में, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला।

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 15 कहता है कि राज्य धर्म, जाति नस्ल, लिंग जन्मजात या इनमे से किसी आधार पर भी किसी  नागरिक के साथ भेदभाव नहीं करेगा। इसी प्रकार अनुच्छेद 16 कहता है कि राज्य सरकार के अधीन किसी भी कार्यालय में नियोजन या नियुक्ति के संबंध में सभी नागरिकों के लिए समान अवसर उपलब्ध होंगे।

इसी आधार पर बिहार में नीतीश कुमार की सरकार ने जाति आधारित गणना का एक बड़ा हिस्सा कवर कर लिया है। जबकि दायर याचिका में जातिगत गणना से समाज में द्वेष, भेदभाव और सांप्रदायिकता बढ़ने की संभावनाएं बताई गई। इसके बावजूद भी बिहार में जातिगत जनगणना हो रही थी। जो सुर्खियों का विषय बनी हुई है।
 

क्या कहा नीतीश कुमार ने?

बिहार में जातिगत जनगणना हो रही है। जिस पर हाईकोर्ट के बाद अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई। बिहार सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में जाति आधारित गणना पर रोक लगाने के पटना हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई। नीतीश कुमार का कहना है कि जाति आधारित डेटा का संग्रह अनुच्छेद 15 और 16 के तहत एक संवैधानिक जनादेश है। 

नीतीश कुमार को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा

 इस जनगणना को झटका लगाया है, सुप्रीम कोर्ट ने। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बिहार में जाति आधारित गणना से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया । इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय करोल ने बुधवार को बिहार में जाति आधारित जनगणना से संबंधित याचिका पर सुनवाई से स्वयं को अलग कर लिया। इस वजह से उस समय सुनवाई पूरी नहीं हो पाई।

न्यायमूर्ति करोल को 6 फरवरी 2023 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था। अब इस मामले की सुनवाई गुरुवार को न्यायाधीश अभय और जस्टिस राजेंद्र बिंदल के कोर्ट में होगी। संवेदनशील विषय होने पर याचिका को भारत के प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के समक्ष सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया गया था। ताकि सुनवाई के लिए एक उपयुक्त पीठ का गठन किया जा सके।

वहीं पटना हाईकोर्ट के 4 मई के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में बिहार गवर्नमेंट ने कहा जाति आधारित जनगणना पर रोक से अब तक की पूरी मेहनत पर पानी फिर जाएगा। उन्होंने इसे अनुच्छेद 15 और 16 के आधार पर संवैधानिक जनादेश बताया। प्रदेश में 80% जातिगत गणना  गणना पूरी हो चुकी है।

जातिगत जनगणना का आधार क्या सही है?
इस पर अभी सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नीतीश सरकार को बड़ा झटका लगा है आपको बता दें इस संवैधानिक पीठ में न्यायमूर्ति पी आर गवई भी शामिल थे।

Morning News India

Recent Posts

सुबोध महिला महाविद्यालय में हुआ हिंदी पखवाड़ा समारोह का आयोजन

Subodh girls college hindi pakhwada: सुबोध पी.जी. महिला महाविद्यालय में हिंदी पखवाड़े के अंतर्गत कार्यक्रम…

4 घंटे ago

ECGC में ग्रेजुएट्स के लिए निकली भर्ती, भारत सरकार देगी नौकरी

ECGC PO Recruitment 2024: भारत सरकार की ओर से ईसीजीसी में पीओ की भर्तियां निकाली…

5 घंटे ago

फंगस और रंगों का तड़का, वीनस इंडियन ढाबा एंड रेस्टोरेंट में खाना खतरनाक

Food Safety Department Raid: चटख लाल तड़के वाली मलाई कोफ्ता हो या कोई और रेस्टोरेंट…

6 घंटे ago

राजस्थान में लगे पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे, भीलवाड़ा में बिगड़ा माहौल

Pakistan zindabad in bhilwara Rajasthan: राजस्थान में आपत्तिजनक नारों से एक बार फिर माहौल बिगड़…

8 घंटे ago

SDM Priyanka Bishnoi की मौत की गहरी साजिश से उठा पर्दा, बिश्नोई समाज में आक्रोश

SDM Priyanka Bishnoi Death : राजस्थान की मशहूर RAS अधिकारी SDM प्रियंका बिश्नोई जिंदगी की…

8 घंटे ago

अशोक गहलोत से मेवाराम जैन की मुलाकात पर मचा बवाल! Ashok Gehlot | Mewaram Jain | Amin Khan | Harish Choudhary

Mewaram Jain meets Ashok Gehlot : जयपुर। सीडी कांड के बाद मुंह छिपाने को मजबूर…

8 घंटे ago