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कानून का कॉलेजियम; क्या इलाहाबाद का इतिहास फिर से दोहराया गया?

सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति इंदिरा गांधी के समय से ही सुर्खियों में रही है। इसके बाद इस पर बहुत से वाद-विवाद और कानून भी बने। राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी ) 99 वां संविधान संशोधन आपको याद ही होगा? आज फिर यह सुर्खियों में छाया है।
 

क्या होता है कॉलेजियम सिस्टम?
कॉलेजियम सिस्टम में पांच वरिष्ठ न्यायाधीश होते हैं। यह वरिष्ठ न्यायाधीशों का एक समूह है, जो उच्च न्यायपालिका में नियुक्ति करता है। पिछले 3 दशकों से यह कॉलेजियम सिस्टम चलता आ रहा है।
 

क्या है चर्चित मामला?
इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस लिस्ट में सबसे वरिष्ठ सीनियर जज थे। फिर भी उन्हें कॉलेजियम में क्यों नहीं लाया गया?
इलाहाबाद हाई कोर्ट के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश मूल रूप से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट से आते हैं। और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा से वरिष्ठ हैं। ऐसे में प्रश्न उठता है कि

आखिर उनकी अनदेखी क्यों हुई?

देश के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम सिस्टम ने मंगलवार को आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा तथा वरिष्ठ एडवोकेट के वी विश्वनाथन को सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनाने की सिफारिश केंद्र सरकार से की है।
कॉलेजियम में शामिल मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस केएम जोसेफ, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस अजय रस्तोगी के नेतृत्व वाले

कॉलेजियम ने मंगलवार को अपने फैसले की घोषणा करते हुए प्रस्ताव में खुलासा किया कि न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा ने 13 वर्षों से अधिक समय तक हाई कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में कार्य किया है और हाई कोर्ट न्यायाधीश की अखिल भारतीय वरिष्ठता सूची में वह क्रम संख्या 21 पर हैं।

निर्णय लेते समय कॉलेजियम बहुत से पहलुओं का ध्यान रखता है। जिसमें समावेशी सोच, सर्वोच्च न्यायालय में विविधता को सुनिश्चित करने के साथ-साथ कम प्रतिनिधित्व या वंचित प्रतिनिधित्व के हाई कोर्ट को अधिक अहमियत दी जाती है। समाज के सीमांत और पिछड़े वर्गों के व्यक्तियों की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए तथा अल्पसंख्यक का प्रतिनिधित्व और लैंगिक विविधता भी कायम रहे।

मीडिया रिपोर्ट की माने तो लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक कॉलेजियम ने यह भी कहा कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय की वर्तमान संरचना में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का कोई प्रतिनिधि नहीं है। कॉलेजियम को यह पता है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के वर्तमान चीफ जस्टिस मूल रूप से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट से आते हैं। और जस्टिस प्रशांत मिश्रा से वरिष्ठ हैं।

फिर भी सभी प्रासंगिक कारणों पर विचार करने के बाद  ही कॉलेजियम ने विचार किया है, कि जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के योग्य हैं। उन्होंने आगे कहा छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में उन्होंने 12 वर्षों के कार्यकाल के दौरान महत्वपूर्ण अनुभव और ज्ञान अर्जित किया है।

उनके निर्णय और न्याय व्यापक मुद्दों पर  दिए गए हैं। इससे ना केवल छत्तीसगढ़ राज्य को प्रतिनिधि मिलेगा बल्कि उनके ज्ञान, कौशल और अनुभव सुप्रीम कोर्ट के लिए मूल्यवर्धन करेंगे। इतना ही नहीं उनकी छवि विनम्र और ईमानदार की भी रही है।

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