जयपुर। Surya Grahan Kab Hai : अभी तक आपने सुना और देखा होगा की सूर्य ग्रहण दिन के समय ही लगता आया है, लेकिन इस बार कुछ अनोखा होने वाला है क्योंकि इस बार सूर्यग्रहण रात को लग रहा है। सूर्य ग्रहण 2023 इस वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण है जो 14 अक्टूबर 2023 शनिवार के दिन लग रहा है। यह सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर रात्रि 08 बजकर 34 मिनट से शुरू होगा जिसका समापन रात 02 बजकर 25 मिनट पर होगा।
सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है, जिस वजह से चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ती है। सूर्य ग्रहण केवल अमावस्या के दौरान ही होता है।
प्रत्येक सूर्य और चंद्र ग्रहण से पहले सूतक काल लगता है. इस दौरान राहु सूर्य और चंद्रमा का ग्रास करता है. इस ससूतक काल में किसी भी तरह का मांगलिक और शुभ कार्य करना वर्जित होता है।
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दुनियाभर की कई संस्कृतियों में सूर्य ग्रहण को अशुभ माना जाता है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार राहु को सूर्य को निगलने और ग्रहण लगाने के लिए जाना जाता है।
किसी भी घर में जब बच्चे का जन्म होता है तो उसके परिवार पर सूतक लागू हो जाता है. इस दौरान बच्चे के माता-पिता और घर के अन्य सदस्य किसी धार्मिक गतिविधि में हिस्सा नहीं लेते. छटी के पूजन तक घर की रसोई बच्चे की मां का जाना वर्जित है. वहीं, सूर्य ग्रहण के सूतक काल में मंदिर के कपाट बंद हो जाते हैं.
संपूर्ण सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है, जिससे सूर्य पूरी तरह से ढंक जाता है।
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सूर्य ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस दौरान नकारात्मक शक्तियां जाग्रत हो जाती हैं।
ज्योतिष के मुताबिक सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिला को अपने पास एक नारियल रखना चाहिए और ग्रहण समाप्त होने पर उसें जल में प्रवाहित कर देना चाहिए. ग्रहण के दौरान गर्भवती महिला को गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए. अगर आप मंत्र का उच्चारण नहीं कर सकते तो देवी-देवताओं का स्मरण करें.
सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण के समय सोने से व्यक्ति रोगी हो सकता है. ग्रहण के दौरान निकली दूषित किरणों का उसके शरीर और मन मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है. ग्रहण में सोने से व्यक्ति रोगी, उबटन लगाने से कोढ़ी, सहवास से सुअर और लघुशंका से गरीब होता है.
सूर्य ग्रहण के बाद सभी जगहों को नमक के पानी से धोना चाहिए। इससे ग्रहण की नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं। इसके बाद स्वयं भी पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें घर के देवी-देवताओं को भी स्नान करवाएं। सूर्य ग्रहण के बाद दान करना बहुत ही पुण्यकारी होता है।
सूर्य ग्रहण से पहले और बाद में स्नान करने से राहु की अपवित्र छाया मिट जाती है और उसका दुष्प्रभाव दूर हो जाता है। हालांकि वास्तविकता ये है कि ग्रहण के बाद स्नान करने की सलाह दी जाती है क्योंकि स्नान करने से आपको विषाक्त पदार्थों को खत्म करने में मदद मिलती है।
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