धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पटना आगमन को लेकर बिहार की सियासत लंबे समय से गर्म थी जो कि अब और भी बढ़ गई है। तेजस्वी यादव से हिंदू वोटर नाराज चल रहे है। बागेश्वर धाम के बिहार आने पर तेजस्वी यादव सहित आरजेडी के नेताओं द्वारा विरोध किया गया। इतना ही नहीं उन्होनें लगातार विरोध में बोलते हुए हिंदुओं की आस्था को चोट पहुंचाई। ऐसे में उनके हिंदू वोटर का आंकड़ा लुढ़क सकता है। खबरों के अनुसार डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने अपने मुस्लिम वोटर को खुश करने के लिए हिंदू वोटर को नाराज किया। क्योंकि बाबा हिंदू राष्ट्र की बात करते है जो मुस्लिम समुदाय को रास नहीं आता। अगर तेजस्वी यादव धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से मिलते तो हिंदू वोटरों को फिर से अपनी ओर किया जा सकता था लेकिन उन्होनें यह सबसे अच्छा मौका गवां दिया।
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जानकारी के मुताबिक यह भी माना जा रहा है कि कर्नाटक और बंगाल चुनाव के परिणाम देखकर भी तेजस्वी यादव ने यह रिस्क लेने से कदम पीछे कर लिए। उनके मन में शायद यह बात रही कि इन दोनों राज्यों में मुस्लिम समुदाय की बड़ी संख्या के चलते ही कांग्रेस ने बाजी मारी। ऐसे में मुसलमानों को नाराज नहीं करने का विचार तेजस्वी यादव के मन में आया हो।
बागेश्वर धाम के पटना आने पर तेजस्वी यादव ने भले ही उनकी आलोचना नहीं की हो लेकिन लालू यादव ने ऐसी बात कह दी जिससे सियासत गरमा गई। लालू यादव ने कहा कि वो बागेश्वर धाम को बाबा नहीं मानते। वहीं तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि देवराहा बाबा के अलावा वो किसी को भी बाबा नहीं मानते। जब आयोजक तेजस्वी यादव से मिले और उन्हें न्यौता दिया तो उन्होनें आयोजकों ने यही कहा कि तेजस्वी यादव बाबा के रहते किसी भी दिन यहां आ सकते है। लेकिन शाम होते-होते तेजस्वी यादव का मूड अचानक बदल गया और कहा कि बाबा से मिलने के लिए उनके पास समय नहीं है। उनके पास बिहार के बहुत सारे काम है जिन्हें निपटाना है। इस बयान के बाद लोगों का तेजस्वी यादव के प्रति सम्मान कम होते नजर आया।