जेईसीआरसी विश्वविद्यालय ने हाल ही में अपनी पहल, इकिगाई परिचय खंड 2 के माध्यम से बच्चों के बीच मानसिक जागरूकता और आत्म-अन्वेषण को बढ़ावा देने और छात्रों के योगदान को पहचान देने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय की ओर से हमेशा बच्चों में मानसिक स्वास्थ्य को लेके जागरूकता और सकारात्मकता देने का प्रयास किया जाता है। इकिगाई ऐसा ही एक प्रोग्राम है जहां 6 महीनों तक 30 बच्चों को इंटरैक्टिव सत्रों और व्यक्तिगत परामर्श दिया जाता है। साथ ही उन्हे एक सेफ नॉन जजमेंटल स्पेस भी दिया जाता है ताकि उनका मानसिक स्वास्थ्य यही रह सके।
इकिगाई के योगदान को मान्यता देने के लिए आयोजित सम्मान समारोह में डॉ. नीरजा बिरला सहित कई अतिथि यहां उपस्थित रहे। मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने की इस प्रतिबद्धता के अनुरूप, जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी, एम-पॉवर इनिशिएटिव और आदित्य बिरला एजुकेशन ट्रस्ट ने यूनिवर्सिटी के भीतर एक परामर्श सेवा शुरू करने के लिए हाथ मिलाया है।
यह सेवा छात्रों को प्रशिक्षित पेशेवरों की मदद से अपने व्यक्तिगत और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं पर चर्चा करने का अवसर देगी। एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीने में मदद मिलेगी। आने वाले वर्षों में 15,000 से अधिक बच्चे इस एमओयू के तहत मेंटल हेल्थ को लेके जागरूक किया जाएगा। सभी छात्रों के लिए एक सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने में एक अहम भूमिका निभायेगी। डॉ. नीरजा बिरला ने अपने वक्तव्य में जेईसीआरसी विश्वविद्यालय और इकिगाई की सराहना की।
उन्होंने बताया की मंजिल से ज्यादा सफर महत्वपूर्ण है ये आपके व्यक्तिव को बनाएगा और सवांरेगा भी। इस मौके पर धीमंत अग्रवाल, स्ट्रैटेजिक हेड ने भी इस पहल को छात्रों के जीवन को सुखद और चिंतामुक्त बनाने के लिए सराहनीय प्रयास बताया। वाइस चेयरपर्सन, जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी अमित अग्रवाल, ने मेंटल हेल्थ की आवश्कता को समझते हुए कुछ फैक्ट्स भी बताए। कार्यक्रम में अर्पित अग्रवाल, वाइस चेयरपर्सन, जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी, चित्रा पारीक, प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर और प्रवीण शेख, वाइस प्रेसिडेंट, एम-पावर, सुमेधा सोनी, कन्वेनर, इकिगाई और प्रणव शर्मा, फाउंडर इकिगाई भी मौजूद रहे।