कांग्रेस के साथ विपक्षी दलों ने Lok Sabha elections 2024 में मोदी सरकार की हैट्रिक को रोकने के लिए इंडिया गठबंधन बनाया था लेकिन यह दिखाने के लिए बना है। क्योंकि पिछले दो दिनों में ही बंगाल और पंजाब से ऐसी खबर आ रही है जिसके बाद लगने लगा है कि विपक्षी गठबंधन चुनावों से पहले ही टूट गया है। गठबंधन का उद्देश्य BJP के खिलाफ विपक्ष का एक उम्मीदवार खड़ा करना था, लेकिन अब ऐसा होता नहीं दिख रहा है।
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बंगाल में दीदी ने दिया झटका
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे राहुल गांधी की भारत जोड़ों न्याय यात्रा बंगाल में प्रवेश करने से पहले ही उसके सहयोगी दल ने बड़ा झटका दिया है। ममता बनर्जी ने ऐलान कर दिया है कि TMC गठबंधन में शामिल तो रहेगी लेकिन लोकसभा चुनावा वह अकेले ही लड़ेगी। बंगाल में TMC अकेले दम पर लोकसभा का चुनाव लड़ेगी। ममता ने कहा कि कांग्रेस को सीट शेयरिंग का प्रस्ताव अच्छा नहीं लगा तो उसने इसको स्वीकार नहीं किया। इसलिए अब हम सभी 42 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करेंगे।
पंजाब में भी AAP अकेले दिखाएगी अपना दम
ममता बनर्जी ने अकेले लड़ने का ऐलान किया उसके 24 घंटे के अंदर ही पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी पंजाब की सभी सीटों पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार खड़े करने का ऐलान कर दिया है। AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल सीटों की शेयरिंग के लिए कांग्रेस के नेताओं से वार्ता कर रहे हैं। लेकिन पंजाब में सीएम भगवंत मान ने यह ऐलान करके विपक्षी गठबंधन को बड़ा झटका दिया है।
बिहार में भी होगी बड़ी टूट
बिहार के CM नीतीश कुमार ने ही नए विपक्षी गठबंधन की कहानी लिखी थी लेकिन वह भी इस कहानी का हिस्सा नहीं बनते दिख रहे है। बिहार में बड़ा उलटफेर होने का दावा किया जा रहा है। नीतीश कुमार ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर ने कभी परिवारवाद को बढ़ावा नहीं दिया और यह बयान यादव परिवार पर था। लालू RJD और JDU मिलकर लोकसभा का चुनाव लड़ने की बात तो कह रही है लेकिन वर्तमान में जो हालात बने हुए है उसे देखकर लग रहा है कि नीतीश कुमार बीजेपी के साथ जा सकते हैं।
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कांग्रेस हुई लाचार
लंबे समय से कांग्रेस गठबंधन के सहारे जीत के सपने देख रही थी और उसने पहली बार छोटी पार्टियों के साथ समझोता करने का फैसला किया था। लेकिन जिस प्रकार से आप और TMC के बाद जेडीयू के तेवर बदले है उसे देखकर लग रहा है कि 2024 की राह कांग्रेस के लिए आसान नहीं होगी।
BJP की राह होगी आसान
विपक्षी दलों का गठबंधन बिखरता जा रहा है तो भाजपा की एक तरफा जीत की उम्मीद ज्यादा बढ़ती जा रही है। राम मंदिर कार्यक्रम के माहौल को देखते हुए लग रहा है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा को एक तरफा जीत मिलेगी।