सचिन पायलट का अपनी ही पार्टी के खिलाफ अनशन पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है। सचिन पायलट ने वसुंधरा सरकार के शासन में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर नाराज होकर अनशन किया। सचिन पायलट के इस अनशन से कांग्रेस पार्टी की अंदरूनी सियासत तेज हो गई है। राजस्थान कांग्रेस प्रभारी रंधावा ने इस अनशन को पहले ही पार्टी विरोधी बता दिया है। अब सचिन पायलट के विरोधी चाहते हैं कि उन पर कार्रवाई भी की जाए।
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दिल्ली में खड़गे ने बुलाई बैठक
सचिन पायलट के अनशन से जुड़े प्रकरण पर आज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दिल्ली में बैठक बुलाई है। इसमें पार्टी के बड़े नेता शामिल होंगे। रंधावा पहले ही खड़गे को मामले की रिपोर्ट दे चुके है। पायलट का यह अनशन पार्टी विरोधी था या नहीं इस पर फैसला लेने का काम पार्टी का है। आज बैठक में फैसला लिया जाएगा कि सचिन पायलट को नोटिस देना है, उन पर कोई एक्शन लेना है या फिर मामले फिलहाल पेंडिंग रखना है। इन सारी बातों पर आज की बैठक में विचार किया जाएगा। पायलट मामले में आगे की रणनीति पर चर्चा करने के साथ खड़गे का ही अंतिम फैसला होगा।
हाईकमान सख्त
सचिन पायलट के अनशन से पार्टी के हाईकमान संतुष्ट नहीं है। पायलट ने अनशन से पूर्व प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे की मिलीभगत को लेकर सवाल खड़े किए। इससे पार्टी के हाईकमान सख्त नाराज है। उनका मानना है कि चुनावों से पहले पायलट ने पार्टी को डैमेज करने की कोशिश की हैं। प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले है। चुनावों से पहले ही पायलट ने पार्टी के हाईकमान को कठघरे में खड़ा कर दिया है।