हाल ही में भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों ने बैठक की और अपने गठबंधन का नाम INDIA रखा। इस बैठक में कई सारी पार्टियां एक साथ हो गई लेकिन विधानसभा चुनावों में अभी भी पुराने प्लान को आगे बढ़ा रही है। आम आदमी पार्टी ने भले ही कांग्रेस के साथ हाथ मिला लिया है लेकिन मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और आप पार्टी दोनों अपना-अपना राग अलाप रहे हैं। एमपी में अब तक भाजपा और कांग्रेस का ही सीधा मुकाबला था वहीं अब आम आदमी पार्टी भी इस मैदान में कूद चुकी हैं।
विपक्षी गुट बनने के बावजूद कांग्रेस और AAP आमने-सामने
2024 के लोकसभा चुनावों के लिए विपक्षी गुट में कांग्रेस और आप पार्टी साथ हुए हैं। लेकिन मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी अपने पुराने प्लान को आगे बढ़ाने में लगी हुई है। आप पार्टी एमपी इलेक्शन के लिए अपने कैंपेन का भी आगाज कर चुकी है। ऐसे में आप पार्टी कांग्रेस के बड़े वोट शेयर भी काट सकती है। आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी अपने कैडर को मजबूत करने में जुटी हुई है।
एमपी त्रिकोणीय मुकाबला
आम आदमी पार्टी के एमपी में एंट्री करने से यहां चुनाव त्रिकोणीय हो सकता है। अब तक मध्य प्रदेश भाजपा-कांग्रेस का ही द्विपक्षीय सियासी रण माना जाता था। वहीं इस बार चुनाव को त्रिकोणीय बनाकर कांग्रेस का बना बनाया खेल बिगड़ सकता है। विश्लेषकों का मानना है कि एमपी में आप पार्टी भाजपा को चुनौती देने में तो कामयाब नहीं हो सकती लेकिन चुनाव को त्रिकोणीय ही बना सकती है।
मध्य प्रदेश के चुनावी दंगल में एंट्री करने के लिए आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान पिछले दिनों एमपी दौरे पर आए थे। उन्होनें वहां पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कीऔर रैली निकाली थी। इन दोनों ने कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले ग्वालियर से ही चुनावी अभियान की शुरुआत की है।