ट्विटर के संस्थापक और पूर्व सीईओ जैक डोर्सी ने एक इंटरव्यू में दावा किया है कि भारत सरकार की ओर से किसान आंदोलन के दौरान उन्हें ट्विटर को बंद कर देने की धमकी मिली थी। हमसें कहा गया था कि भारत में ट्विटर को बंद कर दिया जाएगा और ट्विटर के कर्मचारियों के घर छापे मारे जाएंगे। डोर्सी ने कहा कि जो पत्रकार सरकार के आलोचक थे उनके अकाउंट बंद करने के लिए कहा गया। वहीं भारत सरकार ने ट्विटर के इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ट्विटर और उनकी टीम लगातार भारतीय नियमोंका उल्लंघन कर रही थी। साल 2020 से 2022 के बीच कानूनों का पालन नहीं किया गया। अंत में जून 2022 में क़ानूनों का पालन किया। ना तो ट्विटर बंद हुआ है और ना ही कोई जेल गया है।
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सोमवार को जैक डोर्सी का यूट्यूब चैनल ब्रेकिंग पॉइंट के साथ इंटरव्यू हुआ। इस दौरान उनसे पूछा गया कि “दुनियाभर के ताक़तवर लोग आपके पास आते हैं और कई तरह की मांगें करते हैं, आप नैतिक सिद्धांतों वाले व्यक्ति हैं, इन हालात से आप कैसे निकलते हैं?” इस सवाल के जवाब में उन्होनें कहा कि भारत से किसान आंदोलन के दौरान हमारे पास बहुत सी मांगे आ रही थी। कुछ खास पत्रकार जो सरकार के आलोचक थे उनके अकाउंट बंद करने के लिए कहा गया। डोर्सी ने कहा कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश ने हमसे कहा कि अगर ऐसा नहीं किया तो हम आपके ऑफिस बंद कर देंगे।
भारत सरकार ने खारिज किए आरोप
भारत सरकार ने ट्विटर के इन आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि ना ही कोई जेल गया था और ना ही ट्विटर बंद हुआ था। भारत के इलेक्ट्रॉनिक एवं तकनीक राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ट्विटर पर जारी एक बयान में कहा ट्विटर और उनकी टीम लगातार भारतीय नियमों का उल्लंघन कर रही थी। केंद्रीय मंत्री ने कहा, भारत एक सार्वभौमिक राष्ट्र है और उसे अधिकार है कि ये सुनिश्चित करे कि भारत में काम कर रही सभी कंपनियां भारतीय क़ानूनों का पालन करें। उन्होनें कहा कि किसान आंदोलन के समय बहुत सी भ्रामक जानकारियां फैलाई जा रही थी जो एकदम फर्जी थी। इस तरह की फर्जी खबरें हालात को बिगाड़ सकती थी। इसलिए भारत सरकार प्लेटफार्म से ऐसी जानकारियां हटवाने के लिए बाध्य थी।