यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर देश के विधि आयोग ने 14 जून को अधिसूचना जारी की थी। इस नोटिफिकेशन में लोगों से यूसीसी को लेकर सुझाव मांगे गए थे। गुरुवार तक इस पर 60 लाख से ज्यादा सुझाव मिले। इन सुझावों की छंटनी AI टूल्स से की जाएगी। यूसीसी को लागू करने के संबंध में सुझाव और आपत्तियां देने करने का समय अब 28 जुलाई तक बढ़ा दिया गया है।
सुझावों के जवाब देना होगा चुनौती
अब तक किसी भी कानून में इतनी बड़ी संख्या में सुझाव नहीं मिले है। बड़ी संख्या में सुझाव मिलने के बाद अब इनके जवाब देने की चुनौती खड़ी हो गई है। इसके लिए AI टूल्स की मदद ली जाएगी। सबसे पहले एक जैसे सुझावों की छंटनी की जाएगी। इसके बाद सुझावों की अलग-अलग श्रेणियां बनाई जाएगी। अंग्रेजी-हिंदी के अलावा अन्य भाषाओं में मिले सुझावों का अनुवाद होगा।
मानसून सत्र में पेश नहीं होगा यूसीसी
यूसीसी को लाए जाने के लिए जनता से राय मांगी गई थी। इसके लिए 13 जुलाई अंतिम तारीख दी गई थी लेकिन अब इसे बढ़ाकर 28 जुलाई तक कर दिया गया है। वहीं संसद के मानसून सत्र में यूसीसी के बिल को लेकर भी संशय खत्म हो गया है। 20 जुलाई से शुरू हो रहे मानसून सत्र में इसे पेश नहीं किया जाएगा। सरकार की ओर से जो 21 विधेयकों की लिस्ट जारी की गई है उनमें यूसीसी का नाम शामिल नहीं है।
यूसीसी पॉलिटिकल एक्सरसाइज
वहीं लॉ कमीशन के नोटिफिकेशन पर AIMIM चीफ और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को कहा कि इसमें लोगों के विचार पूछे गए हैं। इसमें किसी तरह का कोई प्रपोजल नहीं दिया है। हर बार चुनाव से पहले यूसीसी को लेकर लॉ कमीशन को एक्सरसाइज करनी पड़ती है। बीजेपी इसके जरिए चुनाव जीतने की कोशिश करती है। ये पॉलिटिकल एक्सरसाइज है।
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