प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर दिए गए बयान के बाद यह लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। AIMIM चीफ और सांसद असदुद्दीन ओवैसी इसके विरोध में अपनी बात रख रहे हैं। 14 जुलाई को ओवैसी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। इसमें उन्होनें कहा कि हमने लॉ कमीशन को अपना रेस्पॉन्स और उसके साथ रिटायर्ड जस्टिस गोपाल गौड़ा का लीगल ओपिनियन भी भेजा है।
यूसीसी पॉलिटिकल एक्सरसाइज
लॉ कमीशन के नोटिफिकेशन पर ओवैसी ने कहा कि इसमें लोगों के विचार पूछे गए हैं। इसमें किसी तरह का कोई प्रपोजल नहीं दिया है। हर बार चुनाव से पहले यूसीसी को लेकर लॉ कमीशन को एक्सरसाइज करनी पड़ती है। बीजेपी इसके जरिए चुनाव जीतने की कोशिश करती है। ये पॉलिटिकल एक्सरसाइज है।
बीजेपी मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाती है
ओवैसी ने कहा कि UCC की बात कर बीजेपी लोगों का ध्यान मुख्य मुद्दों से हटाना चाहती है। महंगाई, बेरोजगारी, गरीबी और चीन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम करने के बजाय लोकसभा चुनाव से पहले जनता का ध्यान भटका रही है। उन्होने कहा कि उत्तराखंड में यूसीसी लागू करने के लिए जो कमेटी बनाई गई है, वो आर्टिकल 44 का उल्लंघन है।
असदुद्दीन ओवैसी ने आगे कहा कि बहुसंख्यक समुदाय के विचारों को अल्पसंख्यक समुदाय पर थोपने का प्रयास किया जा रहा है। लॉ कमीशन से भी अपील की है कि वो इस पॉलिटिकल प्रोपगेंडा का हिस्सा न बनें।