मानसून की दस्तक के साथ ही देश के कई इलाकों में भारी बारिश होने लगी है। कुछ स्थानों पर हल्की बारिश है तो कहीं तेज बारिश हो रही है। साथ ही आने वाले दिनों में देश के कई राज्यों में भारी से भी भारी बारिश होने की संभावना है। इन स्थानों के लिए मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किए हैं। बारिश की स्थिति और हालात देखकर अलग-अलग अलर्ट जारी किए जाते हैं। कई लोगों के मन में सवाल उठता है कि इन अलग-अलग अलर्ट का मतलब क्या होता है और मौसम विभाग इन्हें कब जारी करता है। मौसम विभाग हर मौसम के हिसाब से तीन अलर्ट जारी करता है रेड, ऑरेंज और येलो अलर्ट। इनके अलावा एक ग्रीन अलर्ट भी आईएमडी जारी करता है। तो आज आपको यहां बता रहे हैं बारिश में जारी होने वाले रेड, येलो और ऑरेंज अलर्ट क्या हैं? और किस परिस्थिति में कौनसा अलर्ट जारी किया जाता है।
GREEN ALERT
वैसे तो यह अलर्ट के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जाता है। क्योंकि जब मौसम सामान्य रहता है तो यह अपने आप लागू रहता है। जब मौसम बिल्कुल साफ है और व्यक्ति को बाहर जाने पर कोई परेशानी नहीं होगी। तब विभाग ग्रीन अलर्ट भेजता है। इसका मतलब होता है कि स्थिति बिल्कुल ठीक है और आप सुरक्षित है।
YELLOW ALERT
यह मौसम बिगड़ने की पहली स्टेज होती है। जब भी मौसम बदलने लगता है तो विभाग यह अलर्ट जारी कर देता है। इस अलर्ट में थोड़ा सचेत रहने की जरुरत होती है। मौसम को देखकर ही बाहर निकलना सही रहता है। इस अलर्ट को जारी करने का मकसद ही यही है कि सावधानी बरतकर ही बाहर जाएं।
ORANGE ALERT
मौसम पलटने की दूसरी स्थिति में ऑरेंज अलर्ट जारी किया जाता है। जब मौसम अचानक कभी खराब और कभी सही हो जाए तो यह अलर्ट जारी होता है। इसका मतलब है कि बाहर जाने से पहले मौसम पर पूरी नजर रखें। जहां तक हो सके अनावश्यक घर से बाहर न जाएं। जरूरी हो तो अतिरिक्त सावधानी के साथ ही घर से बाहर निकलने की सोचें।
RED ALERT
यह मौसम बिगड़ने की सबसे भयावह स्थिति होती है। जब मौसम बिगड़ने से नुकसान अधिक हो और काबू करना मुश्किल हो जाए तब रेड अलर्ट जारी किया जाता है। रेड अलर्ट जारी होने के बाद मौसम विभाग के दिशा-निर्देशों का पालन करना आवश्यक होता है। बेहद गंभीर परिस्थिति में रेड अलर्ट जारी किया जाता है। बाढ़, तूफान और नुकसानदेह स्थिति में यह अलर्ट जारी कर चेतावनी दी जाती है।