रंग रंगीलो राजस्थान।
धार्मिक ,सांस्कृतिक और गौरवपूर्ण इतिहास को संजोए हमारा रंगीला राजस्थान जिसे देखकर स्वर्ग को भी शर्म आ जाए, जिस धरती पर देवता भी रमण करने आए। उस राजस्थान के संदर्भ में राजस्थान पर्यटन व्यापार विनियमन अधिनियम 2010 में संशोधन विधेयक को पारित करना अच्छा निर्णय था।
अक्सर प्रवासी राजस्थानियों और पर्यटकों के साथ धोखाधड़ी होती है। ऐसे में देश की छवि ,राज्य की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खराब होती है। विश्व भर से अनेक पर्यटक तथा प्रवासी इस ऐतिहासिक ,सांस्कृतिक राजस्थान की धरा को देखने आते हैं। यहां के स्मारक, धरोहर, हवेली जो विश्व प्रसिद्ध है उन्हें देखने आते हैं।
किंतु अफसोस तब होता है जब हमारी ही मातृभूमि पर कभी-कभी धोखाधड़ी होती है ।वह भी ना सिर्फ पर्यटक स्थलों पर अपितु जिन कुलदेवी अथवा पंच पीरों के दर्शन ,जाट जडूला के लिए ,जीण माता ,सालासर, खाटू श्याम जी अथवा ख्वाजा साहब की दरगाह पर जाते हैं। जहां अनेक प्रकार के भिखारी जो हष्ट पुष्ट होकर भी भीख मांगते हैं। बहुत परेशान करते हैं। इन्हें देसी घी के लड्डू और चूरमा तक भी पसंद नहीं आता, यह सिर्फ पैसों की मांग करते हैं। इससे ना सिर्फ राजस्थान का गौरव क्षीण होता है, अपितु मन भी उदास हो जाता है।
दूसरी परेशानी लपका, दलालों की है ,जो शॉपिंग के नाम पर हमारी आंखों में धूल झोंकते हैं, किसी परिचित के लिए लाया गया राजस्थानी समान जब डिफेक्टिव निकलता है।तब हमें अपने ऊपर शर्म आती है। हजारों किलोमीटर दूर जाने के बाद लगता है क्या इनकी शिकायत करनी चाहिए? और उसका समाधान क्या निकलेगा?
इस दिशा में भी राजस्थान में पर्यटन अधिनियम 2010 में संशोधन कर , पर्यटकों के साथ दुर्व्यवहार को संज्ञेय अपराध की श्रेणी मे विधेयक पारित किया गया।जो पर्यटकों को सुरक्षित रखने के साथ-साथ पर्यटन को भी बढ़ावा दे रहा है
क्या है पर्यटन के फायदे
, हमने कभी भी पर्यटन पर इतना जोर नहीं दिया। जितना हमारे पड़ोसी देशों ने भी दिया। आप ही सोचिए ?चीन एशिया में प्रथम स्थान पर है। जिसके वर्ल्ड हेरिटेज साइट में सबसे ज्यादा स्थान नाम अंकित है। वहीं भारत इसमें पिछड़ा हुआ है। अगर हम ब्रिटेन की बात करें तो वहां भी लगभग 600000 साइट्स संरक्षित है। जबकि भारत में इनकी संख्या मात्र 15000 है।
हेरिटेज साइट्स को यूनिवर्सल मूल्य मानते हुए कन्वेंशन विश्व सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत 1972 के तहत इन्हें संरक्षित रखा जाता है।
आपको पता होना चाहिए कि जिस देश में जितनी अधिक विश्व धरोहर यूनेस्को की साइट पर संरक्षित होंगी, नामबंद होंगी। उतना ही उस देश में पर्यटन बढ़ता है। पर्यटन बढ़ने से ना केवल राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि होती है अपितु देश और राजस्थान के गौरव में भी मे वृद्धि होगी।
बढ़ती बेरोजगारी की समस्या को दूर करने के लिए भारत सरकार को इस ओर और अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।
भारत में अभी भी पर्यटन की असीमित संभावनाएं हैं। यहां कल्चरल, नेचुरल और मिक्स कैटेगरी में बहुत से ऐसे स्थान अभी भी अनदेखे हैं। जिन्हें सुरक्षित ,संरक्षित और संवर्धित करने की आवश्यकता है।
वहीं दूसरी और मानवीय हस्तक्षेप, बढ़ती जनसंख्या और अवैध अतिक्रमण पर्यटन में एक बड़ी समस्या बनकर उभर रहे हैं। इनका समाधान भी सरकार को खोजना चाहिए। वर्ल्ड हेरिटेज साइट के अलावा दूसरे स्थलों की उपेक्षा और वहां बढ़ती गंदगी पर्यटन को हतोत्साहित करती है। इतना ही नहीं बहुत सी ऐसी साइट्स भी है। जहां पर्यटक आते तो है। लेकिन वहां सुलभ शौचालय तक की भी सुविधा उपलब्ध नहीं होती। ऐसे में देश की छवि खराब होती है।