जयपुर। Vedant Agarwal Hit and Run Case : महाराष्ट्र के पुणे में वेदांत अग्रवाल हिट एंड रन केस में आरोपी को चार शर्तों पर जमानत दी गई जिनमें 300 शब्दों का निबंध लिखना भी शामिल है। आपको बता दें कि नशे में 200 किमी की रफ्तार से लग्जरी कार चलाने की वजह से हुए हादसे के लिए जिम्मेदार नाबालिग वेदांत अग्रवाल को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (जेजेबी) ने 4 शर्तों पर जमानत दी है। उसें ट्रैफिक पुलिस के साथ 15 दिन तक काम करने का आदेश भी दिया गया है। गौरतलब है कि पुणे में रविवार तड़के एक नाबालिग ने लग्जरी कार पोर्शे से बाइक को टक्कर मार दी थी। इस हादसे में बाइक से जा रहे 2 आईटी पेशेवरों अनीस दुधिया और अश्विनी कोस्टा की मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने नामी बिल्डर के 17 वर्षीय बेटे को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद उसें जेजेबी में पेश किया गया। हालांकि, पुलिस ने उस पर वयस्क आरोपी की तरह कार्रवाई की मांग की, लेकिन जेजेबी ने उसें नामंजूर कर दिया।
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जेजेबी ने आरोपी वेदांत अग्रवाल को यरवदा ट्रैफिक पुलिस के साथ 15 दिन तक काम करने को कहा है। इतना ही नहीं बल्कि ‘सड़क हादसों के प्रभाव और उनके समाधान’ पर 300 शब्दों का निबंध लिखना है। इसके साथ ही उसें नशा मुक्ति केंद्र के डॉक्टर से इलाज करवाना, मनोचिकित्सक से सलाह लेना और इसकी रिपोर्ट भी देनी होगी। वहीं, उसें भविष्य में दुर्घटना पीड़ितों की सहायता करनी होगी।
‘हिट एंड रन’ मामले में भारत में बहुत ही लचीला कानून है जिसें बदलकर मोदी सरकार सख्त कानून भी लेकर आई थी जिसमें कड़ी सजा का प्रावधान है। हालांकि, इस कानून के खिलाफ ट्रक, डंपर और बस ड्राइवर्स सड़कों पर उतर गए थे। केंद्र सरकार के लाए गए इस नए कानून के तहत पूरे देश में भारतीय दंड संहिता की जगह भारतीय न्याय संहिता लागू की जा रही है। अब भारत न्याय संहिता में ‘हिट एंड रन’ केस के लिए कड़े प्रावधान करते हुए उसमें 10 साल की कैद और 7 लाख रुपये जुर्माने की सजा (Hit and Run Case Jail and Fine) का प्रावधान किया गया है। हालांकि, सजा का यह प्रावधान वयस्क ड्राइवर पर है। जबकि, वेदांत अग्रवाल अभी नाबालिग और उसके पास ड्राइविंग लाइसें भी नहीं, वहीं कार भी उसके पिता के नाम पर है और वो नशे की हालत में भी था। ऐसे में इस मामले में अलग—अलग से कई तरह के कानून लगेंगे जिनके बारे में अब जल्द ही कानूनविद् खुलासा करेंगे।
बांग्लादेश
बांग्लादेश में वाहन अधिनियम, 1927 के मुताबिक, हादसा होने के बाद वाहन ड्राइवर अपनी गाड़ी के साथ घटनास्थल पर ही रुकेगा, जब कि पुलिस वहां पहुंच कर कार्रवाई शुरू करे। हिट एंड रन या किसी भी प्रकार के वाहन संबंधी दुर्घटना में कोई गंभीर रूप से घायल होने पर या किसी की मौत होने पर इसे अपराध माना जाता है जिसें सजा-ए-मौत की सजा भी हो सकती है।
चीन
चीन में हिट एंड रन में किसी बड़ी दुर्घटना में अपराधी का ड्राइविंग लाइसेंस रद्द करके उस पर आजीवन प्रतिबंध लगाया जाता है। यहां 1997 में बनाए गए आपराधिक संहिता के अनुच्छेद 133 कानून में प्रावधान के मुताबिक हिट एंड रन केस में यदि गंभीर शारीरिक क्षति या मृत्यु होती है, तो 3 से 7 साल की जेल हो सकती है।
अमेरिका
संयुक्त राज्य अमेरिका में हिट एंड रन की सजा अलग-अलग राज्यों में अलग—अलग है। इसको वहां तीसरी डिग्री का अपराध माना जाता है जिसें 1 से 5 साल या उससे अधिक की सजा और जुर्माना भी भरना पड़ता है।
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